कविता नील गगन को ढककर बादल क्यों इठलाता है? नीलगगन तो नीलगगन तू आता जाता है…
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कविता : जिंदगी क्या है ?
कविता यह प्रश्न ही है जिंदगी | जिंदगी अमृत है, जिंदगी जहर है। जिंदगी शाम है…
कविता : परिंदा उड़ान भर लेगा
कविता देखना जिस दिन ये परिंदा उड़ान भर लेगा, ये धरती ही नहीं ये आसमान बदलेगा।…
कविता :कौन करता है
कविता दिलों को जीतने वाली सियासत कौन करता हैजमाने में किसी से भी , मोहब्बत कौन…
कान्हा तुझको आना होगा
कविता : कान्हा तुझको आना होगा
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कवी डा.प्रेम किशोर शर्मा निडर पीर पर्वत सी लिए सब जी रहे हैं है सड़ा पानी…
कविता
बीच हमारे एक संशय मचा रहा है धमाल हर खतरे से तुझे लेना है खुद को…
“किसान” : कविता
लेखक देवेंद्र कुमार (चेयरमैन -संकल्प जन सेवा ट्रस्ट)