कविता यह प्रश्न ही है जिंदगी | जिंदगी अमृत है, जिंदगी जहर है। जिंदगी शाम है , जिंदगी दोपहर है। जिंदगी गांव है, जिंदगी शहर है। जिंदगी शांत है, जिंदगी लहर है । जिंदगी प्रेम है , जिंदगी कहर है । जिंदगी दरिया है, जिंदगी में नहर है । एक सुलझा अनसुलझा , सवाल ही है जिंदगी ।। जिंदगी क्या है?
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