टोक्यो ओलंपिक में भारत का सिर ऊंचा करने में बेटियों के साथ ही देश के होनहार बेटों का योगदान भी कम नहीं रहा। ओलंपिक में पदक दिलाने की शुरूआत देश की बेटी मीरा बाई चानू ने किया। इसके बाद एक- एक कर भारत की झोली में एक स्वर्ण, दो रजत एवं चार कांस्य पदक आ गये। शुरूआत रजत से हुई थी एवं समापन स्वर्ण से हुआ। शुरूआत पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर से मीराबाई ने किया तो समापन हरियाणा के पानीपत के रहने नीरज चौपड़ा ने भाला फैंक में स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की भाषा में कहें तो छोरे ने लट्ठ गाड दिया। राष्टÑीय खेल हॉकी में नारी शक्ति ने गजब की हिम्मत दिखाई, लेकिन उन्हें चौथे नंबर संतोष करना पड़ा।
लेकिन पूरे देश नारी शक्ति का कायल हो गया। पुरुष हॉकी में भारत को कांस्य से ही संतोष करना पड़ा। लेकिन खुशी की बात यह है कि राष्टÑीय खेल में दोनों ही टीमों ने गजब का प्रदर्शन किया। यदि हम खिलाड़ियों की तारीफ कर रहे हैं तो ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना न करना उनके साथ नाइंसाफी होगी। टोक्यो ओलंपिक में रवाना होने से पहले उन्होंने टीमों का उत्साह बढ़ाने का काम किया था। इसके साथ ही जब भी भारत की झोली में कोई पदक आता था तब वे खुद खिलाड़ियों को सरप्राइज कॉल कर उन्हेंं बधाई भी दे रहे थे। इतना ही नहीं महिला हॉकी टीम के चौथे स्थान पर रहने पर भी उन्होंने टीम के आंसू पौंछने का काम किया। इससे पहले शायद ही कोई प्रधानमंत्री ने देश के खिलाड़ियों का इतना उत्साह वर्धन किया हो। इस उत्साह वर्धन के परिणाम हमें आने वाले समय में देखने को मिल सकते हैं। इसके साथ ही देश के युवाओं का ध्यान भी क्रिकेट से हटकर हॉकी समेत अन्य खेलों की तरफ होगा। कई बार हम सोचते हैं कि 140 करोड़ आबादी वाला देश, लेकिन पदकों में गाजियाबाद जिले से कम आबादी वाले देश आगे। लेकिन खेलों की यहीं स्थिति चली तो पदकों में सुधार होगा। अंत में सभी पदक विजेताओं को दैनिक अथाह परिवार की तरफ से बधाइयां।
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