Dainik Athah

69 दिन बाद खुले हिमाचल के मंदिरों के कपाट

– मंदिरों में यज्ञ करने पर नहीं हटी रोक
– नैना देवी समेत सभी मंदिरों में पहले ही दिन उमड़ी भीड़

कांगड़ा। 69 दिन बाद मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुलने के साथ ही हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में जहां भक्तों का सैलाब उमड़ा, वहीं प्रसाद की दुकान वालों एवं पंडितों के चेहरे खिल गये। हालांकि यज्ञ करने पर प्रतिबंध जारी है जिससे पंडित मायूस है।
बता दें कि 69 दिन पूर्व एवं चैत्र नवरात्र के बाद एकादशी के दिन कोरोना संक्रमण के चलते हिमाचल प्रदेश के सभी मंदिरों के कपाट बंद हो गये थे। अब कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद एक जुलाई से मंदिरों के कपाट खोले गये। शक्तिपीठ श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम, श्री बज्रेश्वरी माता मंदिर, श्री ज्वालामुखी, श्री चिंतपूर्णी व श्री नयनादेवी सहित अन्य मंदिर दर्शनों के लिए आज खुल गए। मंडी जिला भूतनाथ व मंदिरों में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की रौनक बढ़ गई थी। नयना देवी मंदिर में तो पहले ही दिन हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचे।

यहां सबसे अधिक संख्या पंजाब के भक्तों की रही।
इसके साथ ही चिंतपूर्णी मंदिर, ज्वाला मुखी एवं ब्रजेश्वरी शक्ति पीठ में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। दर्शन के लिए कपाट खुलवाने से पहले सभी शक्ति पीठों को सैनिटबइज करवाया गया था।
नयना देवी मंदिर के पुजारी नागेश शर्मा ने बताया कि पहले दिन नयना देवी मंदिर को सजाया गया था। उन्होंने बताया कि पहला दिन होने के कारण भीड़ अधिक थी। हालांकि अगले तीन दिन ऐसी ही भीड़ रहने की उम्मीद है।


– यज्ञ की अनुमति न होने पर उठ रहे सवाल
अधिकांश मंदिरों के खुलने के बावजूद अभी यज्ञ करने की अनुमति न होने से पंडित मायूस है तथा उनमें नाराजगी है। ज्वालामुखी मंदिर के पुजारी लवलेश शर्मा ने कहा कि मंदिर खुलने के बावजूद यज्ञ करने पर रोक समझ से परे है। प्रदेश सरकार को इस पर विचार करना चाहिये।

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