अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश से जन्मी पीडीए की जनचेतना अब पूरे देश के पीड़ित, दुखी, अपमानित समाज के लिए अपने सम्मान, अधिकार, आरक्षण, पिछड़ेपन के दंश व दमित स्तर से उबरने के लिए संघर्ष की नयी आवाज बन गयी है। जो लोग जहाँ भी संख्या में कम हैं वो भी जान गये हैं कि एकजुटता की शक्ति ही उनकी संख्या की कमी की क्षतिपूर्ति करने में सक्षम होगी और उनके हक की हिफाजत करने में भी।
यादव ने कहा कि इसीलिए पीडीए उन अंतिम लोगों के स्वाभिमान-स्वमान के नवजागरण का नाम है जिनके हिस्से ऐतिहासिक रूप से उपेक्षा और उत्पीड़न ही आया है, और ऐसे लोग हर समाज में हैं। इसीलिए जो पीड़ित वो पीडीए के सैद्धांतिक सूत्र से एक-सूत्र हुए पीडीए समाज ने एक साथ मिलकर अब ये संकल्प उठाया है कि पीडीए का परचम पूरे देश में लहराएंगे, हम अपनी पीडीए सरकार बनाएंगे! उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार में पीडीए के साथ बड़े पैमाने पर भेदभाव हो रहा है। सत्ता के संरक्षण में शोषण हो रहा है। इनका हक छीना जा रहा है। पीडीए की एकजुटता से भाजपा में घबराहट है। वह डरी हुई है।
यादव ने कहा कि जिन गाँवों में पीडीए समाज के लोग अधिक हैं और उनमें भी मल्लाह जैसे समाज जिनके बीच पीडीए की नयी चेतना का प्रसार हो रहा है, वहाँ भाजपा सरकार पीडीए पाठशाला खुलने के डर से, अब सीधे स्कूल बंदी नहीं करवा पा रही है तो सत्ता-सजातीय लोगों के द्वारा टीचर न भेजकर झूठी हाजिरी लगाने का दबाव प्रधानाध्यापकों पर बनवा रही है। ये भी स्कूल बंदी का ही एक और तरीका है। ऐसे सत्ता पोषित उच्चाधिकारियों के दुर्व्यवहार से जो अंतहीन आक्रोश उपजता है वो अंतत: हिंसक भी हो उठता है। नाइंसाफी या भ्रष्टाचार की अति की ही ये परिणति है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने शिक्षा का माहौल पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। पीडीए समाज के लोगों को शिक्षा से वंचित रखने की ये साजिशें अब और नहीं चलने वाली। भाजपा के दिन अब गिने चुने है। जनता 2027 में भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने जा रही है।
