Dainik Athah

दिनेश कुमार गोयल- विजय बहादुर पाठक ने विधान परिषद के मानसून सत्र के दौरान उठाई मांग

प्रदेश भर में उम्र पूरी कर चुके वाहनों को निष्प्रयोज्य घोषित करने का अभियान चलाया जाए

अथाह संवाददाता
लखनऊ।
विधान परिषद के मानसून सत्र के दौरान विधान परिषद सदस्य दिनेश कुमार गोयल एवं विजय बहादुर पाठक द्वारा सड़क सुरक्षा और पर्यावरण को सेहतमंद रखने के लिए एक तय सीमा में पुराने वाहनों को कबाड़ घोषित करने के निर्देश देने की मांग की है।

दिनेश कुमार गोयल एवं विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सरकारी वाहनों में यह नियम लागू हो रहा है, लेकिन निजी वाहनों के संबंध में वाहन स्वामियों को ही यह निर्णय लेना पड़ता है। पुराने वाहनों के ब्रेक फेल होने की वजह से भी अधिकांश दुर्घटनायें बढ़ी हैं। वही धुएं से पर्यावरण को नुकसान पहुँचता इसलिए वाहनों की आयु तय की गयी है।

गोयल एवं पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री की विकासवादी सोच के कारण राज्य में एक्सप्रेसवें की झड़ी लग गयी है। एक तरह से हम कह रहे है कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप में देश में जाना जाने लगा है। स्वाभाविक है कि बेहतर कनेक्टिविटी और बेहतर सड़कों के कारण वाहनों की गति भी बढ़ी है, आवागमन सुगम हुआ है, लेकिन इन सबके बीच वाहनों की फिटनेस का एक बड़ा विषय प्रदेश में खड़ा हो रहा है। जहां एक ओर परिवहन विभाग में परिवहन सुविधाओं के आधुनिकरण के साथ सरलता की परिस्थिति पत्पन्न की गई है, वहीं पुराने व खटारा वाहन इन सब में काज में कोढ़ की तरह हो गये। राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे वाहन है जो अपनी उम्र को पार कर चुके हैं किन्तु सड़कों पर आज भी घड़ल्ले से फरार्टा भर रहे हैं।

दोनों विधान परिषद सदस्यों ने कहा राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद बड़ी संख्या में ऐसे वाहन मौजूद हैं। विभागीय अधिकारिकयों की उदासीनता और उनका आमजन से बेहतर संवाद न होनें के कारण ये वाहन निष्प्रयोज्य घोषित नहीं हो पा रहे हैं। जिसके कारण एक बड़ा संकट उत्पन्न हो रहा है। हम लखनऊ की बात कर लें तो यहां 140396 मोटर कार 2000 से उपर मोटर कैब यहां तक की 250 से ऊपर एंबुलेस हैं जो अपनी आयु पूरी कर चुकी हैं। होना तो यह चाहिए कि परिवहन विभाग अपने यहां पंजीकृत वाहन के स्वामी के पते पर संपर्क करके इस परिधि में आये वाहनों को निष्प्रयोज्य कराये।

उन्होंने कहा हजारों की संख्या में ऐसे वाहन हैं जो वास्तव में निष्प्रयोज्य भी हो चुके हैं। वाहन स्वामी उन्हें कबाड़ की तरह ही रखें है। किन्तु जागरूकता न होने के कारण वे परिवहन विभाग से तालमेल बनाते हुए उन्हें निष्प्रयोज्य होनी की उन प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर पा रहे है। जबकि इसकों करने पर उनकों सरकार बहुत सारी सहूलियतें भी दे रही है।

अस्तु इस लोक महत्व के इस तत्कालीन अविलम्बनीय विषय पर उम्र पूरे कर चुके वाहनों को कबाड़ किये जाने हेतु जिससे वाहन दुर्घटना के साथ-साथ सड़क सुरक्षा पर भी प्रभावी कदम उठाने हेतु सदन में सरकार से चर्चा/ वक्तव्य की मांग की।


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