Dainik Athah

एक बार फिर उठाया पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बैंच का मुद्दा

  • पूर्व मंत्री डा. सत्यपाल सिंह ने केंद्रीय कानून मंत्री से की मुलाकात
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट में 50 फीसद केस पउप्र के 22 जिलों के: डा. सत्यपाल सिंह
  • महाराष्टÑ में यूपी से आधी आबादी, लेकिन बैंच 5 तो पउप्र में क्यों नहीं

अथाह संवाददाता
नयी दिल्ली।
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं बागपत से दो बार सांसद रहे डा. सत्यपाल सिंह ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से मुलाकात कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में जल्द से जल्द हाईकोर्ट बैंच स्थापित करने की मांग की है।

डा. सत्यपाल सिंह ने अर्जुन राम मेघवाल को सौंपे ज्ञापन में कहा कि वे उनका ध्यान लगभग 10 करोड़ लोगों के दर्द की तरफ आकर्षित करना चाहते हैं जिसके विषय में पूर्व में भी दो बार आपसे व्यक्तिगत मुलाकात कर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने कहा 16वीं और 17वीं लोकसभा का सदस्य तथा केंद्र में मंत्री रहते हुए भी उन्होंने इस महत्वपूर्ण विषय को विभिन्न स्तरों पर उठाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश इस देश सबसे बड़ा राज्य है जहां लगभग 25 करोड़ से अधिक जनसंख्या है। 25 करोड़ की जनसंख्या पर एक इलाहाबाद हाइकोर्ट है और उसकी 13 जिलों के लिए एक लखनऊ बेंच है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. सत्यपाल सिंह ने कहा पश्चिमी उत्तर प्रदेश जहां लगभग दस करोड़ लोग रहते हैं, 22 जिले आते हैं उनको इलाहाबाद जाने के लिए 500 से लेकर 750 किमी की यात्रा करनी पड़ती है। वहां लोगों को न सस्ता न्याय है, न सुलभ न्याय है। 100 से ज्यादा वैकेंसी हाइकोर्ट जजेज की इलाहाबाद हाइकोर्ट के अंदर है, क्योंकि, हाइकोर्ट जज के लायक अच्छे एडवोकेट मिलते नहीं हैं। उन्होंने कहा 1955 से लेकर डॉ. सम्पूणार्नंद जब मुख्यमंत्री थे, उसके बाद नारायण दत्त तिवारी थे, राम नरेश यादव थे, विश्वनाथ प्रताप सिंह थे, उसके बाद मायावती थीं, सब लोगों ने भारत सरकार को लिखकर दिया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अंदर एक इलाहाबाद हाइकोर्ट की बैंच बनाई जाए। इसके लिए बार बार संघर्ष हो रहे हैं, बार बार स्ट्राइक पर लोग बैठे हैं।

डा. सत्यपाल सिंह ने कहा महाराष्ट्र की आबादी उत्तर प्रदेश से लगभग आधी है लेकिन वहां पर पांच बेंचों की स्थापना की गई है इसलिए उत्तर प्रदेश में भी अतिरिक्त बेंचों की स्थापना में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाइकोर्ट में लंबित 50 प्रतिशत से अधिक केस पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इन 22 जिलों से ही हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार को अधिकार है कि रिआगेर्नाइजेशन स्टेट एक्ट के अंतर्गत वहां के चीफ जस्टिस की संस्तुति के बिना भी बैंच खोल सकती है। वर्ष 1857 में मेरठ में देश का स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ था और यह देश का बहुत पुराना नगर है। इसलिए मैं आपसे पुन: निवेदन करूंगा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सबसे पहली बैंच मेरठ के अंदर यथाशीघ्र स्थापित करवाने का कष्ट करें।


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