Dainik Athah

उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण चेहरे पर दाव लगा सकती है भाजपा

  • भाजपा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष को लेकर दिल्ली पर लगी है सभी की नजरें
  • पश्चिम से नहीं होगा भाजपा का नया अध्यक्ष
  • भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई नामों पर चर्चा तेज
  • अति पिछड़ा को लेकर भी है पार्टी में चर्चा

अशोक ओझा
लखनऊ।
भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव में तेजी आने के साथ ही उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को लेकर भी कयासों का दौर शुरू हो गया है। यदि सूत्रों की मानें तो पार्टी अंत में किसी ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा सकती है। हालांकि चर्चा अति पिछड़ा को लेकर भी है, लेकिन ब्राह्मण चेहरा पार्टी को अधिक प्रभावशाली लगता है।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी में राष्टÑीय अध्यक्ष चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। सूत्र बताते हैं कि संसद के मानसून सत्र से पहले भाजपा को नया अध्यक्ष मिल जायेगा। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव में भी तेजी आ गई है। कई राज्यों को नये अध्यक्ष मिल गये तो कई राज्यों में पुराने चेहरों पर ही पार्टी ने भरोसा किया है। रही बात उत्तर प्रदेश की तो हवाआें में दलित और अति पिछड़ा के नाम तैर रहे हैं कि पार्टी इनमें से ही किसी को अध्यक्ष बनायेगी। जबकि विश्वस्त सूत्रों का दावा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में लंबे समय बाद किसी ब्राह्मण को अध्यक्ष बना सकती है।
यदि पार्टी ब्राह्मण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाती है तो इसमें कई नामों को लेकर चर्चा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण नाम सांसद हरीश द्विवेदी का आता है। द्विवेदी को संगठन के कार्यों का अनुभव तो है ही साथ ही उनको लेकर किसी प्रकार का विरोध होने की संभावना भी नहीं है। इसके साथ ही भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक और दूसरे उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर का नाम भी अध्यक्ष को लेकर चर्चा में है। इन दोनों को ही संगठन के कामों का पर्याप्त अनुभव है। विजय बहादुर पाठक वर्तमान में एमएलसी भी है, वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी रह चुके हैं, जबकि ब्रज बहादुर संघ से पार्टी में आये हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष बनने से पहले वे क्षेत्र संगठन मंत्री की जिम्मेदारी बखूबी संभाल चुके हैं। ब्रज बहादुर पश्चिम के साथ ही अवध क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इस लिहाज से इन दोनों के नाम प्रमुखता से लिये जा रहे हैं।

अति पिछड़ों में बाबू राम निषाद का नाम सबसे आगे
अति पिछड़ों की बात करें तो इसमें अजय कुमार टेनी, बीएल वर्मा के नाम शामिल है। दोनों ही केंद्र सरकार में मंत्री है, लेकिन इन दोनों से अलग एक नाम बाबू राम निषाद का इनसे आगे हैं। राज्यसभा सांसद निषाद को संघ की भी पसंद माना जा रहा है। उम्मीद है कि यदि इनमें से कोई अध्यक्ष बनता है उसमें निषाद भारी पड़ेंगे।

वर्तमान अध्यक्ष भी केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में
अध्यक्ष चुनावों के दौरान जिस प्रकार हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में वर्तमान अध्यक्षों को ही अगला कार्यकाल सौंपा गया है। इसे देखते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी एक और पारी खेलने की तैयारी में जुटे हैं। अब वे केंद्रीय नेतृत्व को कैसे संतुष्ट करेंगे।


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