- भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए इंतजार हो रहा है लंबा
- केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी के बाद अगले दो दिन में जारी हो सकती है जिलाध्यक्षों की सूची
- मंगलवार को हुई बैठक में जातीय समीकरणों पर हुई चर्चा
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी के जिला और महानगर अध्यक्षों की सूची का लंबा इंतजार कार्यकर्ताओं को थकाने वाला है। लेकिन अगले दो दिनों में सूची का इंतजार समाप्त हो सकता है।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जिला और महानगर अध्यक्षों के नामों को लेकर मंगलवार को लखनऊ में लंबा मंथन हुआ। इस दौरान मुख्य रूप से जातीय समीकरणों को लेकर चर्चा अधिक हुई। इसमें यह तय किया गया कि किस जिले में अध्यक्ष ब्राह्मण हो, वैश्य हो, अनुसूचित जाति से हो, त्यागी हो अथवा पिछड़ा हो। इसको लेकर लंबी चर्चा हुई। हालांकि कई जिलों में अध्यक्ष किस जाति का हो इसको लेकर आपस में मत भिन्नता भी सामने आई, लेकिन बाद में तय कर लिया गया कि कहां पर किस जाति का अध्यक्ष हो।
सूत्र बताते हैं कि बैठक में तय किया गया कि गाजियाबाद महानगर में अगड़ी जाति का अध्यक्ष होगा। इसके साथ ही एक बार फिर जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मयंक गोयल, जिला उपाध्यक्ष बॉबी त्यागी आदि के नामों को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। जिलाध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के पास जाने के पूरे आसार है। इस स्थिति में भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष डीडी यादव, सतपाल प्रधान आदि के नामों को लेकर चर्चाएं हवा में तैरने लगी है।
सूत्रों की मानें तो प्रदेश में तैयार की गई सूची पर भाजपा के राष्टÑीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के साथ ही राष्टÑीय महामंत्री एवं उत्तर प्रदेश के संगठन चुनाव के पर्यवेक्षक विनोद तावड़े के विचार प्राप्त करने के बाद सूची को घोषित कर दिया जायेगा। यदि किसी बड़े नेता की कोई नाम को लेकर सिफारिश है तो सूची में नाम के सामने बड़े नेता का नाम भी लिखा जायेगा। चूंकि विनोद तावड़े ने साफ रूप से कहा था कि जिलाध्यक्ष के पद मेहनती और पुराने तथा युवा कार्यकर्ताओं को स्थान दिया जायेगा जिसके चलते पुराने और मेहनती कार्यकर्ताओं में उम्मीद है कि उन्हें मौका मिल सकता है। अब देखना होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।