Dainik Athah

रेड मॉल प्रकरण में जीडीए को मिली ऐतिहासिक जीत

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने दिया 217.18 करोड़ रुपए वसूली का अधिकार

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद
। रेड माल के साथ लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अंतत: बकाया वसूली का नतीजा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के पक्ष में आया है। इस जीत के साथ ही प्राधिकरण को लगभग 217 करोड़ 18 लाख रुपए की धनराशि की वसूली का अधिकार मिल गया है। बुधवार को आए इस फैसले को प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने ऐतिहासिक जीत बताया है। गौरतलब है कि 2019 से यह मामला एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में विचाराधीन था।
वत्स ने मीडिया को बताया कि प्राधिकरण ने विवादित संपत्ति (खसरा संख्या 352, 353, 354, 355, 358, 371 व 372) के स्वामित्व, भुगतान और परियोजना निर्माण से जुड़े मुद्दों पर मजबूती से अपना पक्ष रखा। श्री वत्स के अनुसार गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने यह साबित किया है कि वह क्षेत्र के विकास के साथ-साथ विवादित मामलों को निष्पक्षता और प्रभावी तरीके से सुलझाने में भी सक्षम है। यह सफलता प्राधिकरण की प्रतिबद्धता और कुशलता का प्रमाण है। उल्लेखनीय है कि मैसर्स सेलीब्रेशन सिटी (रेड मॉल) लंबे समय से अपना बकाया करीब 225 करोड़ रुपए प्राधिकरण में जमा नहीं करा रहा था। इस भारी-भरकम वसूली के लिए प्राधिकरण इस मॉल की नीलामी का फैसला पहले ही कर चुका था।
बकाया वसूली के लिए प्रशासन रेड मॉल के विरुद्ध 2018 रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कर चुका था। 2019 में इसे सील भी कर दिया गया। इसके बाद भी बकाया पैसा नहीं जमा करवाया गया है। जिसके बाद इसे नीलाम किया जाने का निर्णय लिया गया था। प्राधिकरण ने करीब 55 हजार वर्ग मीटर एरिया को 2006 में मैसर्स सेलीब्रेशन सिटी को 100 करोड़ रुपये में बेचा था। इस पैसे को प्राधिकरण में किश्त के माध्यम से जमा करना था। लेकिन सेलीब्रेशन सिटी के डायरेक्टर की तरफ से पैसा नहीं जमा करवाया गया। 2 बार जीडीए पैसे की वसूली को लेकर सील कर चुका है। 2017 में आरसी जारी किए जाने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया। जिसके बाद डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया था। 40 करोड़ रुपए देकर डायरेक्टर इस शर्त पर रिहा किया गया था कि बाकी पैसा भी जमा करवा देगा। लेकिन उसके बावजूद कोई भुगतान न होने की दशा में प्राधिकरण को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाना पड़ा था।


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