राम की पैड़ी पर शंखनाद और पुष्प वर्षा से गूंजी अयोध्या
रामलला दर्शन कर भाव-विभोर हुए काशी से आए विशिष्ट अतिथि
अयोध्या के विकास कार्यों ने जीता तमिल अतिथियों का मन, मुख्यमंत्री के विजन दिखा का असर
अयोध्या दौरे ने तमिल प्रतिनिधिमंडल के मन में भरी अपार श्रद्धा : डीएम
अथाह संवाददाता
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में काशी-तमिल संगमम के चौथे संस्करण के तहत काशी से आए 250 विशिष्ट अतिथियों का राम की नगरी अयोध्या में पारंपरिक और भव्य तरीके से स्वागत-सत्कार किया गया। लग्जरी बसों के काफिले के साथ जब अतिथि अयोध्या पहुंचे, तो राम की पैड़ी पर ढोल-नगाड़ों की गूंज, शंखनाद और पुष्प-वर्षा के बीच उनका हर्षोल्लास से अभिनंदन किया गया। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी अतिथियों का पारंपरिक रीति से स्वागत किया।
रामलला के दिव्य दर्शन से शुरू हुई यात्रा, अंत में राम की पैड़ी पर उमड़ा भावनाओं का सागर
अतिथियों ने अयोध्या पहुंचने के बाद सबसे पहले नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन-पूजन किए। दर्शन के दौरान तमिल अतिथियों की आंखों में उमड़ती भक्ति और आस्था ने पूरे माहौल को भावपूर्ण बना दिया। इसके उपरांत सभी अतिथि हनुमानगढ़ी पहुंचे, जहां बजरंगबली के दर्शन कर उन्होंने आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में तमिल अतिथियों को राम की पैड़ी ले जाया गया, जहां उन्होंने सरयू नदी के दृश्य और आरती स्थल का अवलोकन किया। ह्यजय श्रीरामह्ण के जयघोष और तमिल भक्तों की आस्था ने पूरे वातावरण को राममय कर दिया।
भोजन, संवाद और सांस्कृतिक सेतु का अनोखा संगम
दर्शन के उपरांत अयोध्या धाम बस अड्डे के नवनिर्मित आॅडिटोरियम में विशिष्ट भोजन की व्यवस्था की गई थी, जिसमें पारंपरिक व्यंजनों के साथ अवधी व उत्तर भारतीय स्वाद का अद्भुत संगम परोसा गया। सभी अतिथियों ने एक साथ बैठकर भोजन ग्रहण किया, जहां आपसी बातचीत एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान का सुंदर दृश्य देखने को मिला।
पूरा आयोजन भारतीय संस्कृति की एकता, विविधता और सांस्कृतिक सेतु का सजीव उदाहरण बना। उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सदियों पुराना राम-बंधन एक बार फिर सशक्त रूप में परिलक्षित हुआ। योगी सरकार द्वारा राम की पैड़ी और अयोध्या में किए गए विकास कार्य भी अतिथियों ने नजदीक से देखे और सराहे। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम ने बताया कि अयोध्या की यह यात्रा तमिल अतिथियों के मन में रामनगरी के प्रति अपार श्रद्धा, प्रेम और अविस्मरणीय स्मृतियां छोड़ गई। शहर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिससे पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण और गरिमामय ढंग से संपन्न हुआ।

