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7 से 14 दिसम्बर तक अभियान चलाकर निराश्रित गोवंश का किया जाये संरक्षण: धर्मपाल सिंह

  • सड़कों या हाइवे पर निराश्रित गोवंश विचरण करते न पाये जाए
  • गौशालाओं में गोवंश के भरण पोषण की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाए
  • निराश्रित गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता
  • वर्तमान समय में 7642 गोआश्रय स्थलों पर 1214347 गोवंश संरक्षित

अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उ
त्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि खेतों, सड़कों के किनारे और हाइवे पर निराश्रित गोवंश विचरण करते न पाये जाए। इसके लिए मुख्य पशुचिकित्साधिकारी के साथ-साथ गोसंरक्षण कार्यों से संबंधित अन्य विभागों के अधिकारियों की भी जवाबदेही तय करने के लिए गाइडलाइन तैयार की जाए। उन्होंने सात से 14 दिसम्बर तक सघन अभियान चलाकर प्रदेश के सभी जनपदों में सड़कों या खेतों में घूम रहे निराश्रित गोवंश का संरक्षण किये जाने के निर्देश दिये।
धर्मपाल सिंह ने शुक्रवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि गौशालाओं में गोवंश के भरण पोषण की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाए। अधिकारी निराश्रित गोवंश हेतु गोआश्रय स्थलों में गोवंश के ठंड से बचाव, पर्याप्त चारा, भूसा, पानी, प्रकाश, औषधि आदि आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियां को सख्त रूप से निर्देश दिया कि गोशालाओं में गोवंश के भरण पोषण की व्यवस्था पर पूरा अमल किया जाए। आवंटित बजट का समुचित उपयोग किया जाए। गोवंश को पर्याप्त हरा चारा दिया जाए और कोई भी गोवंश भूखा न रहने पाए। निराश्रित गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इन कार्यों में लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। श्री सिंह ने कहा कि मोबाइल वेटनरी यूनिट का संचालन सुनियोजित और सुव्यवस्थित तरीके से किया जाए और जहां से भी पशुधन के चिकित्सा की सूचना प्राप्त हो वहां तत्काल सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
पशुधन मंत्री ने कहा कि गोवंश संरक्षण के लिए अभियान की लक्ष्य पूर्ति हेतु जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और मंडलीय अपर निदेशक द्वारा निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गोवंश के संरक्षण के लिए ग्राम विकास, नगर विकास, पंचायतीराज, राजस्व एवं गृह विभाग के साथ समन्वय स्थापित करके कार्य किया जाए। यदि किसी विभाग द्वारा सहयोग या समन्वय नहीं किया जा रहा है तो उसकी सूचना तत्काल शासन को दी जाए। ताकि उच्च स्तर पर संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 7642 गोआश्रय स्थलों पर 1214347 गोवंश संरक्षित हैं।
बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव के रवीन्द्र नायक ने आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा-निदेर्शों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। प्रमुख सचिव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधिकारी गोसंरक्षण कार्या को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से करें। गोशालाओं में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। जहां कोई समस्या आए वहां तत्काल शासन को अवगत कराये।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, दुग्ध विकास विभाग के विशेष सचिव राम सहाय यादव, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक आनन्द कुमार, पशुपालन विभाग के निदेशक डा. पीएन0 सिंह तथा नयनतारा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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