Dainik Athah

सांसद राजीव प्रताप रूडी जीते चुनाव, मोहरा बनें संजीव बालियान को करना पड़ा हार का सामना

  • कांस्टीट्यूशन क्लब दिल्ली का चुनाव: जीती भी भाजपा, हारी भी भाजपा
  • रूडी ने एक बार फिर साबित किया सांसदों- पूर्व सांसदों की पसंद वे ही
  • बालियान विरोधियों में दिखाई दी खुशी, जमकर हुई आतिशबाजी

अशोक ओझा
नयी दिल्ली।
दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के सचिव का चुनाव इस बार हाई प्रोफाइल रहा। एक एक वोट की जंग चलती रही। दोनों तरफ से शह और मात का खेल चल रहा था। लेकिन इस शह और मात के खेल में बिहार से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान को मात दे दी। बालियान को एक सौ के करीब वोटों से हार मिली। इसके बाद बालियान विरोधियों के चेहरे खिल गये।

दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में लोकसभा अध्यक्ष पदेन अध्यक्ष होते हैं, जबकि सचिव समेत सभी पदों के लिए चुनाव होता है। चुनाव में वोट डालने का अधिकारी सांसद एवं पूर्व सांसदों को होता है, लेकिन उन्हें ही जिन्होंने क्लब की सदस्यता ली हो। रूडी करीब ढ़ाई दशक से क्लब के सचिव हैं, खेल सचिव के पद पर निर्विरोध कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने जीत दर्ज की। इस बार सचिव पद के चुनाव में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने ताल ठोंक दी। आमने- सामने के हुए इस चुनाव को लेकर पिछले कई दिनों से दावतों का दौर चल रहा था। बालियान के सबसे बड़े समर्थक के रूप में बिहार से सांसद निशिकांत दुबे मैदान में थे। दुबे स्वयं सांसदों को बालियान के समर्थन में करने के लिए जोर आजमाइस कर रहे थे। इसके साथ ही बालियान को पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की टीम का सदस्य माना जाता है।

सूत्रों के अनुसार बालियान खेमे ने भ्रम फैलाने का प्रयास किया कि उन्हें संघ का भी आशीर्वाद प्राप्त है, लेकिन जिन सांसदों ने संघ के वरिष्ठ लोगों से संपर्क किया तो स्थिति स्पष्ट हो गई। यह पहली बार हुआ कि इस चुनाव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत करीब 35 केंद्रीय मंत्रियों, कई राज्यपालों ने मतदान में भाग लिया।

सूत्रों के अनुसार दूसरी तरफ रूडी के समर्थन में पूर्व सांसद एवं जदयू के सलाहकार केसी त्यागी रणनीतिकार की भूमिका में थे। उन्होंने बालियान विरोधियों को एकजुट करन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ही बालियान विरोधी भाजपा का एक गुट अंदरखाने बालियान को हारते देखना चाहता था। जैसे ही चुनाव परिणाम घोषित हुआ संजीव बालियान विरोधियों में खुशी देखी गई। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के ही एक गुुट ने बालियान की हार की पटकथा लिखने में बड़ी भूमिका निभाई।

डिनर डिप्लोमेसी में भी मात खा गये बालियान
सूत्रों के अनुसार पांच बार से सांसद राजीव प्रताप रूडी को दिल्ली की आबोहवा की अच्छी पहचान है, दूसरी तरफ वे ढाई दशक से कांस्टीट्ूशन क्लब के सचिव है जिस कारण सांसदों में उनकी गहरी पैठ है। इसी का लाभ उन्हें मिला। दूसरी तरफ बालियान को दिल्ली की संस्कृति का इतना अनुभव नहीं है। यहीं कारण है कि डिनर डिप्लोमेसी में रूडी भारी पड़े। उनके साथ विपक्ष का भी एक बड़ा खेमा था, जबकि भाजपा दो गुटों में बंटी हुई थी।

ठाकुरों ने भी गोलबंदी
सूत्र बताते हैं कि रूडी के पक्ष में ठाकुर भी एकजुट हुए, लेकिन इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा है। हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा के अधिकांश सांसद बालियान के पक्ष में थे। लेकिन रूडी खेमे की हर रणनीति बालियान पर भारी पड़ी। बालियान की हार से वह खेमा खुश है जिन भाजपा प्रत्याशियों को हराने में बालियान के योगदान के आरोप लगे थे। इनमें दो तो भाजपा के पश्चिम के बड़े चेहरे थे।


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