अथाह ब्यूरो
लखनऊ। कुश्ती हमारी संस्कृति व परंपरा से जुड़ी है। देश के इस पुराने खेल का वर्णन रामायण-महाभारत में भी मिलता है। स्वयं श्रीकृष्ण ने 12 साल की आयु में एक बड़े नामी पहलवान को हराया था। समाजवादी पार्टी के संस्थापक श्रद्धेय नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव का कुश्ती से बहुत लगाव था। समाजवादी पार्टी पहलवानों की पार्टी है। अब मिट्टी में कुश्ती की जगह मैट पर कुश्ती कराने के लिए समाजवादी पार्टी मैट उपलब्ध कराएगी।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज के खेल मैदान, सदर बाजार कैंट, लखनऊ में 139वें अखिल भारतीय मस्ता पहलवान (गुरूजी) लखनऊ केसरी बउवा पहलवान, स्मारक विराट इनामी दंगल में पूर्व रक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की याद में समाजवादी दंगल केसरी के समापन पर व्यक्त किए। इस मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी मौजूद थे। पुरोहित श्रीनिवास पाण्डेय ने तिलक लगाकर अखिलेश यादव को आशीर्वाद दिया।
अखिलेश यादव ने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव ने जीवन भर कुश्ती व खेलों को बढ़ाया। उन्होंने दंगल के आयोजक विवेक यादव और मंच पर मौजूद यशभारती सम्मानित पहलवान भगत सिंह और रामआसरे पहलवान को बधाई देते हुए कहा कि ओलंपिक और एशियाड की कुश्ती की तर्ज पर यहां भी मैट पर कुश्ती की जरूरत बताई ताकि पहलवान आगे प्रतियोगिता में जा सकें और इसके लिए मैट उपलब्ध कराने की घोषणा की। उन्होंने इस तरह सभी पहलवानों के दिल जीत लिए।
श्री यादव ने दंगल में एकत्र भारी जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश-प्रदेश से जो पहलवान आए हैं वे बहुत मेहनत करके यहां तक आए हैं। कुश्ती में रोमांच है। पहलवान के शरीर पर जो पसीना आता है वह जब मिट्टी से मिलता है तो कुश्ती होती है।
श्री यादव ने कहा कि हल्दी, चंदन, कडवा तेल आदि सामग्री से बनी मिट्टी में जब पहलवान लड़ते थे तो उनका शरीर अच्छा होता था। पांच दस साल गाड़ी चलाने से लाभ नहीं होगा लेकिन इतने वर्षों में कुश्ती मेडल दिला सकती है। उन्होंने बताया कि समाजवादी सरकार में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का इकाना स्टेडियम बना था खेलकूद को काफी प्रोत्साहन मिला था। खिलाड़ियों को यशभारती पुरस्कार तथा मदद दी गई थी।
अखिलेश यादव ने अंत में सभी को विजयादशमी पर्व की बधाई दी और कहा कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का दिन है। श्री यादव द्वारा इस मौके पर गाजियाबाद के पहलवान शक्ति यादव और हरियाणा के सुमित को बराबर पर छूटी कुश्ती के लिए 51 हजार रूपये की धनराशि दी गई। 41 हजार की कुश्ती आशीष यादव सदर (अखाड़ा) और गोलू (इटावा) के बीच हुई। श्री अखिलेश यादव ने कई अन्य पहलवानों को भी ईनाम बांटे।
इस अवसर पर, सुशील दीक्षित, सीएल वर्मा, देवेन्द्र सिंह जीतू यादव पार्षद, अजय यादव, कैलाश यादव, अनार सिंह अन्नू, ज्ञानेश्वर शर्मा, रजनीश सिंह, दिनेश यादव पूर्व पार्षद, मोहम्मद शमीम, आशीष यादव आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।