Dainik Athah

पूर्वांचल व बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में होगा ई-वे हब का विकास, योगी सरकार ने शुरू की तैयारी

दोनों एक्सप्रेसवे में ई-वे हब के विकास के जरिए होटल, फूड कोर्ट, थीम पार्क, रिजॉर्ट, वेयरहाउस समेत विभिन्न सुविधाओं का होगा विकास

यूपीडा ने शुरू की तैयारी, पूर्वांचल व बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में कुल 12 चिह्नित ई-वे हब का होगा निर्माण

120 प्लॉट्स को किया गया है चिह्नित, 4500 से 8500 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र के बीच होगा प्लॉट्स का प्रसार

ई-वे हब में वे-साइड एमिनिटीज तथा ट्रक यूजर जोन समेत विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का होगा निर्माण व विकास



अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश को उन्नत प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार प्रदेश में नागरिकों को उत्तम नागरिक सुविधाओं का लाभ देने के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है। इस क्रम में, प्रदेश के दो मुख्य एक्सप्रेसवे में ई-वे सर्विसेस को बढ़ावा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सीएम योगी के विजन अनुसार, उत्तर प्रदेश के प्रमुख एक्सप्रेसवे में शुमार पूर्वांचल व बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में ई-वे सर्विसेस के हब का विकास करने की प्रक्रिया को गति दी जा रही है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इस क्रम में कुल 12 स्थानों को चिन्हित कर उनके विकास का खाका खींचा है।

विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का होगा निर्माण व विकास
यूपीडा द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना के अनुसार, ई-वे हब में रीटेल-कमर्शियल दुकानें, बजट होटल्स, ढाबा, फूड कोर्ट्स, थीम पार्क्स, रिजॉर्ट, बैंक्वेट व वेडिंग हॉल, वेयरहाउसिंग व लॉजिस्टिक्स फैसिलिटी, आॅटोमोबाइल शोरूम व वर्कशॉप तथा ट्रक यूजर्स जोन जैसी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इन सुविधाओं का विकास करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल माध्यम से आवेदन मांगे गए हैं। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सिंगल स्टेज बिड सिस्टम का उपयोग किया जाएगा।

बुंदेलखंड में 4 तो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में 8 साइट्स का होगा हब के तौर पर विकास
कुल 290.070 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे फिलहाल 4 लेन एक्सेस कंट्रोल्ड है और चित्रकूट से शुरू होकर यह बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन व औरैया को इटावा में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से मिल जाता है। इस एक्सप्रेसवे पर यूपीडा की योजना के अनुसार कुल 4 स्थलों का ई-वे हब के तौर पर विकास किया जाएगा जो कि कुल मिलाकर 10 हेक्टेयर साइट एरिया है। इसी प्रकार, 340.84 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे फिलहाल 6 लेन एक्सेस कंट्रोल्ड है जिसे 8 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। यह एक्सप्रेसवे लखनऊ से शुरू होकर बाराबंकी, अयोध्या, अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ होते हुए गाजीपुर जिले में जाकर खत्म होता है। इस एक्सप्रेसवे पर यूपीडा की योजना अनुसार कुल 8 स्थलों में कुल मिलाकर 10 हेक्टेयर साइट को ई-वे हब के तौर पर विकसित किया जाएगा। माना जा रहा है कि सितंबर महीने में बिड प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी निर्धारित निर्माण व विकास कायों को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य किया जाएगा।

30 वर्षों की लीज पर होगा आवंटन
परियोजना के अंतर्गत दोनों ही एक्सप्रेस में डेवलप होने वाले 12 ई-वे हब में कुल मिलाकर 120 प्लॉट का आवंटन किया जाएगा। इन प्लॉट्स को 30 वर्षों की लीज पर दिया जाएगा जिसे आगे 15 वर्षों की अवधि तक बढ़ाया जा सकता है। इनमें से तीन प्लॉट्स 5,660 स्क्वेयर मीटर के हैं जो कि एक्सप्रेसवे फेसिंग हैं। इसके अतिरिक्त, जिन 120 प्लॉट्स को चिह्नित किया गया है उनमें कई प्रकार की वे-साइड एमिनिटीज का विकास किया जाएगा। इसमें, वॉशरूम्स, यूरिनल्स, मेडिकल एड फैसिलिटी, एटीएम फूड व बेवरेज आउटलेट जैसी सुविधाएं प्रमुख हैं। इन सुविधाओं का विकास कार्य प्राप्त करने वाली निविदाकर्ता द्वारा अगले 18 महीनों के भीतर करना होगा। वहीं ट्रकर्स जोन में भी सभी निर्धारित निर्माण कार्यों को 18 महीने की कार्यावधि में पूर्ण करना होगा।


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