Dainik Athah

रेल दुर्घटना और पेपर लीक में कम्पटीशन चल रहा है कि कौन आगे रहेगा: अखिलेश यादव


अथाह ब्यूरो
नयी दिल्ली
। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री एवं कन्नौज से लोकसभा सदस्य अखिलेश यादव ने लोकसभा में केन्द्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि बजट में किसानों, युवाओं, बेरोजगारों, गांवों की उपेक्षा हुई है। इनकी तकलीफों और परेशानी के प्रति बजट उदासीन है। भाजपा सरकार के 11 बजट के बाद महंगाई, बेरोजगारी की समस्या और बढ़ गयी है। इस महंगाई में घर चलाना, बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्गों की दवाई की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है।
यादव ने कहा कि भाजपा की दस साल की सरकार और 11वें बजट के बाद सरकार बताएं की देश हंगर इन्डेक्स में दुनिया के पैमाने पर कहां खड़ा है। इस बजट में उत्तर प्रदेश को कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं मिला। न कोई आईआईएम मिला और न कोई आईआईटी मिली। इस सरकार ने किसानों को फसलों की एमएसपी की गारन्टी नहीं दी। किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। सरकार ने बड़े-बड़े सपने दिखाए लेकिन जमीन पर कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। जबसे यह सरकार आयी है तबसे रेल दुर्घटना और पेपर लीक में कम्पटीशन चल रहा है कि कौन आगे रहेगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में केन्द्रीय बजट से न कोई बड़ी शैक्षिक संस्था दी, न कोई मेडिकल संस्था दी और न कोई एक्सप्रेस-वे दिया। उत्तर प्रदेश में रायबरेली और गोरखपुर में जो एम्स बने उसे समाजवादी सरकार ने जमीन दिया तब बन पाए। भाजपा सरकार दस साल में दोनों एम्स में सुविधा नहीं दे पा रही है। पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा है। इस सरकार ने मेकिंग इंडिया के नाम पर कहा कि निजीकरण से नौकरियां मिलेंगी। संस्थाएं निजी हाथों में चली गयी लेकिन नौकरियां कम हो गयीं। इस सरकार में पीडीए परिवार को हक और सम्मान नहीं मिला, उन्हें धोखा मिला।
यादव ने कहा कि यह चलने वाली नहीं गिरने वाली सरकार है। अपनी सरकार चलाने के लिए केन्द्र सरकार ने बजट में दो राज्यों को पैकेज दिया है। भाजपा तोड़-फोड़ कर सरकार बनाती है। पिछले बजट में सरकार ने कहा कि एग्रीकल्चर ग्रोथ के लिए एक लाख करोड़ रुपए देंगे। उसका क्या हुआ। इसमें यूपी को एक भी मंड़ी नहीं मिली। सरकार प्राकृतिक खेती की बात करती है लेकिन उसके लिए बजट क्या है? यूपी में इन्वेस्टर मीट हुआ। साढ़े चार लाख करोड़ के निवेश का दावा किया लेकिन उसके लिए क्या बजट दिया। इन्वेस्टर मीट में पीएम से लेकर तमाम केन्द्रीय मंत्री और देश के बड़े-बड़े मंत्री आये लेकिन उससे उत्तर प्रदेश को क्या मिला। नौजवानों को रोजगार क्यों नहीं मिला। किसानों के लिए कृषि क्षेत्र में बड़े-बड़े एमओयू हुए लेकिन जमीन पर एक भी नहीं उतरा।


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