Dainik Athah

किसानों के उत्पादों को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान

  • किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए जिले में पहली बार हुई जीआई को लेकर बैठक
  • जीआई विशेषज्ञ पदमश्री डा. रजनीकांत द्विवेदी ने बैठक में आॅनलाइन प्रतिभाग कर कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार की दी अहम जानकारी
  • डीएम राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में एनआईसी में हुई बैठक, विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने लिया भाग
  • अच्छे उत्पादों को जीआई टैग के साथ विदेशों में मिलेगा अधिक मूल्य

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद
। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में प्रयासरत है। अब सरकार ने कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय का विस्तार सभी मंडलों व जिलों में करना शुरू कर दिया है। जनपद गाजियाबाद में इस संबंध में जीआई समिति की पहली बैठक जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में एनआईसी में आयोजित की गई।

बैठक में जीआई समिति के सदस्य एवं जीआई विशेषज्ञ पदमश्री डा. रजनीकांत द्विवेदी ने बनारस से बैठक में आनलाइन भाग लिया गया। बैठक में जीआई द्वारा जिले के कृषि उत्पादों को विदेशों तक बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि निर्यात नीति को लेकर वृहद स्तर पर चर्चा की गई। बैठक में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों भौगोलिक उपप्रदर्शन पंजीयन कराने एवं भौगोलिक उपदर्शन प्राप्त उत्पादों के उत्पादकों/ निर्यातकों के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जीआई (ज्योग्रोफिकल इंडिकेशन) यानी भौगोलिक उपप्रदर्शन के लिए कृषि विपणन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। जीआई एक विशिष्ट गुणवत्ता वाले उत्पाद की एक निश्चित भूभाग पर पैदा होने वाले एवं विगत 70 वर्षों से अधिक समय से पुरानी पद्वति द्वारा उत्पादित किए गए उत्पाद को ही जीआई के अंर्तगत पंजीकृत कराया जा सकता है।
जीआई विशेषज्ञ डा. रजनीकांत द्विवेदी ने अवगत कराया कि बासमति का एपीडा की प्रोपराइटरशिप जीआई के अंर्तगत पंजीकरण हो चुका है। अब इसके अधिकृत उपयोगकर्ता बनाए जाने की जरूरत है ताकि उनको राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनके अच्छे उत्पाद का अधिक मूल्य प्राप्त हो सके। उन्होंने अवगत कराया कि जीआई टैग को एक ट्रेड मार्क के रूप में देखा जाता है। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है साथ ही जीआई टैग किसी क्षेत्र में पाए जाने वाले कृषि उत्पाद को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। बता दें कि अभी तक यह निदेशालय प्रदेश के 09 मंडलों व 49 जिलों तक यह सीमित था। कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय का विस्तार अब प्रदेश के सभी मंडलों और जिलों में हो रहा है। उत्तर प्रदेश शासन ने निदेशालय का पुनर्गठन करते हुए अब प्रदेश के सभी मंडलों और जिलों में इसका विस्तार करना प्रारंभ कर दिया है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक, समिति के सदस्य उपकृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सहायक निदेशक मत्स्य, उपायुक्त उद्यम एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, डीडीएम नाबार्ड आदि ने भाग लिया।


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