ओवर स्पीडिंग रोकने के लिए इलेक्ट्रानिक मॉनिटरिंग लागू करने के तय किये जाएं तौर-तरीके
दो सप्ताह में न्याय मित्र देंगे रिपोर्ट
फरवरी में सर्वोच्च न्यायालय में होगी सुनवाई
अथाह ब्यूरो
नयी दिल्ली। देश में वाहनों की ओवर स्पीड और इसके कारण लगातार बढ़ रहे हादसों को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने चिंता जताई है। अदालत ने इस मामले में इलेक्ट्रानिंग मानिटरिंग के तौर तरीके तय करने के लिए दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में राष्टÑीय एवं राज्य हाइवे पर दुर्घटनाओं को रोकने एवं साथ ही ओवर स्पीड पर रोक के लिए सुझाव दिये जायेेंगे। इस मामले में अब फरवरी में अदालत सुनवाई करेगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रीय और राज्य हाईवे पर ओवर स्पीडिंग रोकने के लिए इलेक्ट्रानिक मॉनिटरिंग लागू करने के तौर-तरीके तय करने के लिए कहा है। अदालत ने शुक्रवार को कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस ए एम सप्रे कमेटी, मामले की सुनवाई में मदद करने वाले न्यायमित्र वकील गौरव अग्रवाल और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वकील एडीशनल सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान से यह कहा है।
कोर्ट ने कहा है कि ओवर स्पीडिंग रोकने के लिए पूरे देश में मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 136ए के तहत इलेक्ट्रानिक मॉनिटरिंग लागू करने के तौर-तरीकों को तय करने पर विचार करें। साथ ही न्यायमित्र इस पर दो सप्ताह में कोर्ट को रिपोर्ट दें।
अदालत मामले में फरवरी में फिर सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिये। सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर लंबित जनहित याचिका में एक नयी अर्जी दाखिल कर राष्ट्रीय और राज्य हाईवे पर सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर धार जोड़ी गई है।
धारा 136ए को लागू करते हुए ओवर स्पीडिंग रोकने के लिए इलेक्ट्रानिक मॉनिटरिंग लागू करने की मांग की गई है। मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील के सी जैन ने कहा है कि हाईवे पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके ओवर स्पीडिंग को रोका जाए।
कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस सप्रे कमेटी, न्यायमित्र गौरव अग्रवाल और माधवी दीवान को आपस में विचार विमश कर पूरे देश में इलेक्ट्रिक मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने के तौर-तरीके तय करने के लिए कहा है। साथ ही, बैठक और विचार विमर्श में याचिकाकर्ता के वकील के सी जैन भी हिस्सा लेंगे।