Dainik Athah

जिला स्तरीय सलाहकार समिति डीएलआरसी की डीएम ने की प्रगति समीक्षा

जनपद की आर्थिक व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने में सभी बैंकर्स की महत्वपूर्ण भूमिका

सभी बैंकर्स अपने ब्रांच का सीडी रेशों 60% तक बढ़ाने का करें प्रयास:राकेश कुमार सिंह 

अथाह सवांददाता

गाजियाबाद। जनपद की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में जिला स्तरीय सलाहकार समिति डीएलआरसी की बैठक आहूत की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने सभी बैंकर्स का आह्वान करते हुए कहा कि जनपद की आर्थिक व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने में जनपद के सभी बैंकर्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः सभी बैंकर्स उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हुए प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के सौजन्य से संचालित की जा रही विभिन्न ऋण योजनाओं में पात्र लाभार्थियों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर ऋण स्वीकृत करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें ताकि जनपद की आर्थिक व्यवस्था तेजी से आगे बढ़ सके।

उन्होंने सभी बैंकर्स को निर्देशित किया कि सरकार की योजनाओं के अंतर्गत विभागीय अधिकारियों के माध्यम से उन्हें जो आवेदन पत्र प्राप्त हो रहे हैं उनमें तत्परता के साथ निर्णय लेते हुए पात्र लाभार्थियों को अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराएं ताकि सभी पात्र लाभार्थी जनपद की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत बनाने में अपनी सहभागिता दर्ज करा सकें और सरकार की मंशा के अनुरूप उन्हें ऋण प्राप्त हो सके। बैठक में सर्वप्रथम अग्रणी जिला प्रबंधक हिमांशु शेखर तिवारी के द्वारा बैंको की सितम्बर तिमाही 2022 तक की उपलब्धि पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान सभी बैंक के द्वारा सितम्बर 2022 महीने तक प्राप्त की गई उपलब्धियों की बारी-बारी से समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने महत्वपूर्ण बैठक में समीक्षा करते हुए पाया कि जनपद का सीडी रेशों 45.54 प्रतिशत है जबकि इसके सापेक्ष कई ब्रांच का सीडी रेशों 40% से भी कम आ रहा है। इस संबंध में उन्होंने कड़े निर्देश दिए हैं कि जिन बैंकर्स का सीडी रेशों 40% से कम है उनके संबंध में उनके रीजनल मैनेजर को जिला प्रशासन की ओर से पत्र भेजा जाए।

उन्होंने स्पष्ट किया है कि आगामी बैठक में यदि संबंधित ब्रांच के द्वारा अपना सीडी रेशों नहीं बढ़ाया गया तो उनके विरुद्ध उनके हेड ऑफिस को भी लिखा जाएगा। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा सभी रोज़गार परक योजनाओं के अंतर्गत लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गयी और सभी बैंकों को आवेदन पत्रों को 03 दिन के भीतर स्वीकृत करने के स्पष्ट निर्देश दिये गए। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा डूडा विभाग के अधिकारियों एवं सभी बैंकर्स के साथ गहन समीक्षा करते हुए दिसंबर माह के अंत तक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय ऋण का लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने बैंको को निर्देश दिए कि सभी पथ विक्रेताओ को UPI Code (QR Code) जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं जिससे कि जनपद की प्रगति प्रभावित न हो। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत वापस किए गए 6628 आवेदन पत्रों पर जिलाधिकारी द्वारा असंतोष व्यक्त किया गया एवं सभी बैंकर्स को तत्काल प्राप्त आवेदनों पर प्रत्येक मंगलवार एवं बृहस्पतिवार को विशेष अभियान संचालित कर सीधे सुनवाई के लिए एक विशेष काउंटर खोले जाने के निर्देश दिए गए जिससे लाभार्थी अपनी समस्या दर्ज करा सकें और हाथों हाथ समस्याओं का निस्तारण कराते हुए प्राथमिकता पर ऋण स्वीकृत करा सकें।  जनपद में बेहतर तरीके से काम करने के लिए सभी बैंक शाखाओं को केसीसी वितरण को और बढ़ाने के साथ साथ प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना एवं पशुपालन, माटीकला तथा मत्स्य संबंधी केसीसी लोन करने को भी अधिक से अधिक स्वीकृत एवं वितरीत करने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। साथ ही सभी जिला समन्वयकों को अपने शाखा की उपलब्धि को तिमाहीवार प्रगति रिपोर्ट के साथ समीक्षा करने और समय पर अग्रणी जिला प्रबंधक कार्यालय को डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।

जिलाधिकारी ने मत्स्य विभाग, उद्योग विभाग एवं पशुपालन विभाग को उचित कार्यवाही करने के दिशा निर्देश दिए एवं लंबित ऋण संबंधी आवेदनों के जल्द से जल्द निस्तारण के निर्देश दिए। साथ ही अस्वीकृत मामलों में कारण सहित प्रतिवेदन को देने के भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने SLBC से टेक अप करके गृह ऋण की प्राथमिकता क्षेत्र की सीमा 25 लाख से बढ़ा कर 40 लाख कराने के निर्देश दिये ताकि प्राथमिकता क्षेत्र के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके क्योंकि शहरों मे 25 लाख में बहुत ही सीमित संख्या मे भवन निर्मित होते हैं। बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक एचएस तिवारी, एलडीओ आरबीआई अक्षय कुमार, डीआईसी के महाप्रबंधक श्रीनाथ पासवान, सभी बैंकों के जिला समन्वयक सहित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला मत्स्य पालन अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी एवं अन्य सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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