मिशन रोजगार के अन्तर्गत कृषि विभाग के 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों का नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने नवचयनित वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरित किये
प्रदेश में सबसे अधिक सम्भावना का क्षेत्र कृषि, थोड़े प्रयास से आगामी कुछ वर्षों में कृषि क्षेत्र की क्षमता को तीन गुना बढ़ा सकते
विगत 08 वर्षों में जनपद बाराबंकी, वाराणसी, बुलन्दशहर तथा सहारनपुर के प्रगतिशील किसान पद्म पुरस्कारों का हिस्सा बने
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम एक कृषि प्रधान देश के सबसे बड़े कृषि प्रधान प्रदेश में निवास कर रहे हैं। प्रदेश में आज भी बड़ी आबादी की आजीविका का माध्यम कृषि है। प्रदेश की उर्वरा भूमि तथा पर्याप्त जल संसाधन खेती की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाते हैं। कृषि के विकास के लिए केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर अनेक प्रयास कर रही है, इनमें अन्नदाता किसानों को समय पर अच्छी तकनीक, अच्छी गुणवत्ता के बीज दिलाने तथा समय के अनुरूप उन्हें अपडेट करना सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को लोक भवन सभागार में निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा अधीनस्थ कृषि सेवा (वर्ग-1) के लिए चयनित 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने 11 नवचयनित वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को इस चयन की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से सम्पन्न करने के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर नवचयनित वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों ने निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में मिशन रोजगार के अन्तर्गत नव चयनित वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों को बधाई देते हुए कहा कि आपके पास अच्छी डिग्री के साथ-साथ अच्छा अनुभव भी है। उनकी प्रतिभा व अनुभव का लाभ राज्य के अन्नदाता किसानों को दिलाने के लिए आज 431 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरण का कार्य हो रहा है। प्रदेश में 06 कृषि विश्वविद्यालय स्थित हैं। इनके माध्यम से देश व प्रदेश को अच्छे कृषि स्नातक मिल रहे हैं। यह संस्थान अन्नदाता किसानों के सहयोग के लिए अच्छी प्रशिक्षित टीम को उन तक पहुंचा रहे हैं। प्रदेश में भारत सरकार के सहयोग से 89 कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित हैं। किसानों के प्रशिक्षण, उन्हें नई तकनीक के बारे में जानकारी देने तथा समय पर प्रमाणित बीज की उपलब्धता की दिशा में कृषि विज्ञान केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश को देश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित किया जाना है। इसके लिए हमें उन सेक्टर्स को चिन्हित करना होगा, जहां सबसे अच्छी सम्भावनाएं हैं। प्रदेश में सबसे अधिक सम्भावना का क्षेत्र स्वाभाविक रूप से कृषि है। अगर हम थोड़ा प्रयास कर लें, तो आगामी कुछ वर्षों में कृषि क्षेत्र की क्षमता को तीन गुना बढ़ा सकते हैं। उत्तर प्रदेश देश ही नहीं, बल्कि दुनिया का पेट भरने की क्षमता रखता है। इन सम्भावनाओं पर कार्य करने की आवश्यकता है।
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में देश की बागडोर सम्भालने के बाद कृषि के विकास के लिए अनेक प्रयास किये। इनमें स्वायल हेल्थ कार्ड की व्यवस्था, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना तथा किसानों के कल्याण के लिए दुनिया की सबसे बड़ी योजना पीएम किसान सम्मान निधि शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में 02 करोड़ 54 लाख से अधिक किसान पीएम किसान योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इन्हें हर वर्ष 06 हजार रुपये भारत सरकार के माध्यम से प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत विगत साढ़े पांच वर्षों में 22 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध कराई गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पद्म पुरस्कारों में उत्तर प्रदेश के प्रगतिशील किसान भी स्थान प्राप्त करते हैं। विगत 08 वर्षों में जनपद बाराबंकी, वाराणसी, बुलन्दशहर तथा सहारनपुर के किसान इन पुरस्कारों का हिस्सा बने हैं। इन प्रगतिशील किसानों में बहुत पोटेंशियल है। उन्होंने अपनी मेहनत से बेहतरीन करके दिखाया है। इस दिशा में हम भी प्रयास कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने किसानों द्वारा लिये गये निजी नलकूप कनेक्शनों के लिए सब्सिडी दी। अब सरकार सोलर पैनल के माध्यम से किसानों को मुफ्त बिजली उपलब्ध करने की व्यवस्था से जोड़ रही है। अन्नदाता किसान इसके माध्यम से अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। राज्य सरकार ने अपनी नीति के अन्तर्गत नेट बिलिंग और नेट मीटरिंग की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। अन्नदाता किसान पीएम कुसुम योजना के माध्यम से इसका लाभ ले सकते हैं। वर्तमान में 30 हजार किसानों को सोलर पैनल उपलब्ध कराने की व्यवस्था डबल इंजन की सरकार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेचुरल फार्मिंग के अन्तर्गत जीवामृत तथा घनामृत का प्रयोग करते हुए पैदावार को बढ़ाया जा सकता है। इसकी लागत भी कम आती है। इसके माध्यम से प्रति एकड़ 12 से 14 हजार रुपये की बचत देखने को मिली है। राज्य सरकार ने गंगा के तटवर्ती 27 जनपदों तथा बुन्देलखण्ड के 07 जनपदों को नेचुरल फार्मिंग के साथ जोड़ा है। सरकार इन सभी जनपदों में टेस्टिंग लैब, मास्टर ट्रेनर आदि की उपलब्धता की कार्यवाही कर रही है। बहुत से किसानों ने इसमें अच्छे प्रयास किये हैं। हमें समय के अनुरूप चलते हुए लोगों को बताना होगा कि प्राकृतिक खेती आज की मांग है। ग्लोबल वॉर्मिंग की चुनौती का सामना करने के लिए इस दिशा में अच्छा प्रयास किया जा सकता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बिना भेदभाव के ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों के चयन की प्रक्रिया पूरी हुई है। आपके कार्यक्षेत्र का निर्धारण भी पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। शासन की अपेक्षा है कि आप भी ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ कृषि क्षेत्र में विकास की रफ्तार को डबल डिजिट में पहुंचाकर प्रदेश के विकास में अपना योगदान देंगे। अन्नदाता किसानों के साथ बेहतरीन संवाद बनाकर उन्हें इस व्यवस्था से जोड़े रखने के लिए आपको सदैव तत्पर रहना होगा। अपने क्षेत्र की जानकारी के साथ ही, केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी लेना, प्रगतिशील किसानों के साथ संवाद करना तथा किसानों के समूह को अपडेट करते हुए शासन की योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने के कार्यों से आप जुड़ेंगे तो, उसके बेहतरीन परिणाम आएंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि विगत साढ़े पांच वर्षों में मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निरन्तर चतुर्दिक विकास की दिशा में अग्रसर हुआ है। मुख्यमंत्री जीवन के सभी क्षेत्रों में सुख-समृद्धि पहुंचाने के लिए निरन्तर सचेष्ट रहे हैं। मिशन रोजगार के अन्तर्गत प्रदेश के नौजवानों को बेहतर रोजगार की प्राप्ति के लिए निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। आज उसके अन्तर्गत 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है।
कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आज का दिन प्रदेश के कृषि विभाग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मानव संसाधन की वृद्धि कृषि विभाग के कार्यों को अधिक गति देगी। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुवेर्दी, कृषि निदेशक विवेक कुमार सिंह, सूचना निदेशक शिशिर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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