कोटक महिंद्रा बैंक के वीपी ने अदालत के माध्यम से दर्ज कराई रिपोर्ट
मिल प्रबंधकों ने बैंक पर पहले लगाया था गिरवी रखी जमीन को बेचने का आरोप
अथाह संवाददाता
मोदीनगर। कोटक महिंद्रा बैंक ने मोदीनगर पेपर मिल लिमिटेड के प्रबंधकों समेत 14 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी दस्तावेजों में हेरफेर करने और बैंक का बकाया वापस न करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। बैंक का आरोप है कि मिल प्रबंधकों ले साजिश करके बैंक के पास गिरवी रखी संपत्ति को कागजों मैं गड़बड़ी करके बेच दिया। बैंक ने इस मामले में 9 खरीदार और एक एजेंट को भी आरोपी बनाया है। आपको बता दें कि इससे पहले मिल प्रबंधक अनुभव गुप्ता ने बैंक पर गिरवी रखी गई संपत्ति को बेचने का आरोप लगाया था। जिसके जवाब में कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा यह कार्रवाई की गई है।
कोटक महिंद्रा बैंक के दिल्ली ब्रांच के वाइस प्रेसिडेंट ललित रंकावत ने गाजियाबाद चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट पंचम की अदालत के माध्यम से मोदीनगर खाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें रंकावत ने दस्तावेज के साथ मिल प्रबंधकों की धोखाधड़ी का पूरा विवरण दिया है। बैंक की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक मिल प्रबंधक अनुभव गुप्ता विकास गुप्ता शुभांगी गुप्ता ने एजेंट जय भगवान कंसल के साथ मिलकर बैंक के पास गिरवी रखी गई सीकरी खुर्द और सीकरी कला की भूमि को कागजात में हेराफेरी करके भेज दिया। बैंक ने जमीन खरीदने वाले खरीदारों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई है जिसमें सीमा पाल, मोहित चौधरी, दीपक सिंह, उमा पांडे, सुनीता रानी, राजकुमार, कृष्णपाल, प्रीति वशिष्ठ व संतोष शामिल हैं।
बैंक ने कहा है कि मिल प्रबंधक अनुभव गुप्ता, विकास गुप्ता और शुभांगी गुप्ता ने सीकरी खुर्द की जमीन खसरा नंबर 193च, 193ख, 193ग, 193छ, 194,195 तथा सीकरी कला की जमीन खसरा नंबर 364, 365, 366, 367 गिरवी रखकर बैंक से लोन लिया था। लेकिन मिल प्रबंधक बकाया राशि, ब्याज व अन्य शुल्क चुकाने में विफल रहा। यही नहीं कागजों में हेरफेर करके बैंक के पास गिरवी रखी गई जमीन के कुछ हिस्से को बेच दिया गया।
पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420, 463, 464, 465, 467, 468, 471, 471, 506, 120बी और 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।