Dainik Athah

डीएमई पर आखिर क्यों हो रहे है हादसे…

बस- ट्रक सौ से ज्यादा तो कारें कर रही हवा से बातें

स्पीड बताने वाले डिस्प्ले खराब- अंधाधुंध गति से दौड़ रहे वाहन

पिछले एक माह से डिस्प्ले खराब, न एनएचएआई न ही यातायात पुलिस का कोई ध्यान

डिस्प्ले बोर्ड 100 की स्पीड को बता रहे 35 से 40

यातायात पुलिस को भी रहा राजस्व का नुकसान

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
देश का सबसे सुरक्षित समझा जाने वाला दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे (डीएमई) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की लापरवाही के चलते पूरी तरह से असुरिक्षत हो गया है। लापरवाही इस हद तक की महीनों से खराब स्पीड डिस्पले बोर्ड तक प्राधिकरण दुरुस्त नहीं करवा सका है। इस कारण राजमार्ग पर वाहन अंधाधुंध गति से दौड़ रहे हैं। इस स्थिति में किसी भी दिन कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है। हालांकि यातायात पुलिस डिस्पले बोर्ड को लेकर गंभीर हो गई है।

बता दें कि दिल्ली से मेरठ को जोड़ने के लिए एनएचएआई ने दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे का निर्माण किया है। इस मार्ग के साथ ही ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे (ईपीई) को आधुनिकतम कैमरों से सुसज्जित किया गया है। जिस दिन डासना स्थित कंट्रोल रूम का उद्घाटन करने देश के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी आये उस दिन बताया गया कि इस मार्ग पर चलने वाले वाहन ही नहीं वाहन के भीतर का दृश्य भी कैमरों में कैद रहता है। इसके साथ ही डीएमई को सबसे सुरक्षित राजमार्ग बताया गया।

स्पीड 100 तो बताते हैं 35- 40

लेकिन पिछले एक माह से अधिक समय से दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे पर लगे स्पीड डिस्पले बोर्ड खराब है। इस कारण यदि वाहन की गति 100 की है तो डिस्प्ले पर मात्र 35 से 40 की स्पीड ही आती है। जिससे डिस्पले बोर्ड के साथ ही एनएचएआई हंसी का पात्र बन रही है।

अंधाधुंध गति से दौड़ते हैं वाहन

डिस्प्ले बोर्ड खराब होने के कारण वाहन चालकों को यातायात पुलिस के चालान का खतरा भी नहीं रहा। यहीं कारण है कि कारें 100 से 150 की स्पीड से तो ट्रक व बसें 100 तक की स्पीड से दौड़ रहे हैं। जबकि कारों के लिए इस मार्ग पर स्पीड लिमिट 100 एवं बड़े वाहनों ट्रक- बस के लिए 80 है।

यातायात पुलिस को उठाना पड़ रहा राजस्व का नुकसान

डिस्पले बोर्ड ठीक न होने के कारण यातायात पुलिस के चालान भी नहीं हो पा रहे हैं। इससे पुलिस का राजस्व भी प्रभावित हो रहा है। लेकिन इससे बड़ा मुद्दा दुर्घटनाओं को रोकना एवं वाहनों की गति नियंत्रित करना है।

नहीं उठा प्रोजेक्ट डायरेक्टर का फोन

इस संबंध में बात करने के लिए एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद सिंह को फोन मिलाया। लेकिन उनका फोन नहीं उठा। जिस कारण उनका बयान नहीं लिया जा सका।

मेरे संज्ञान में भी यह बात आई है कि दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे के स्पीड बताने वाले डिस्पले बोर्ड ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। इस मामले में एनएचएआई के अधिकारियों से बात कर डिस्पले बोर्ड ठीक करवाये जायेंगे। डिस्पले बोर्ड खराब होने के कारण यातायात पुलिस के चालान कम होने के कारण राजस्व पर भी असर पड़ता है। लेकिन चालान से बड़ा मुद्दा डिस्पले ठीक करवाना एवं वाहनों की गति नियंत्रित रखना है।- रामानांद कुशवाहा, पुलिस अधीक्षक यातायात गाजियाबाद।

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