सपा से गठबंधन को लेकर आशान्वित नहीं है शिवपाल यादव
नेताजी ने कहा अखिलेश ने बात नहीं मानी तो प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का प्रचार करुंगा
नेताजी से दीपावली पर फिर एक बार बात होगी उसके बाद आगे का निर्णय लेंगे
अथाह संवाददाता
ग़ाज़ियाबाद। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की गिनती प्रदेश के कद्दावर नेताओं में होती है। समाजवादी पार्टी ्को खड़ा करने में उन्होंने जमकर पसीना बहाया। नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के दांये हाथ रहे। लेकिन भतीजे अखिलेश यादव के प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस भतीजे को उन्होंने गोद में खिलाया उससे रास्ते जुदा हो गये। सपा से अलग होकर शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की स्थापना की। अब विधानसभा चुनाव से पूर्व वे पार्टी की मजबूती एवं सत्ता में परिवर्तन को लेकर परिवर्तन यात्रा निकाल रहे हैं। उनका मानना है कि सत्ता का परिवर्तन जरुरी है। परिवर्तन यात्रा के गाजियाबाद आगमन पर दैनिक अथाह के संपादक अशोक ओझा ने उनसे कई मुद्दों पर खुलकर बात की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश–
- उप्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं इसको लेकर आपकी क्या तैयारी है?
. सामाजिक परिवर्तन अर्थात सत्ता का परिवर्तन अब जरुरी हो गया है। यहीं कारण है सामाजिक परिवर्तन यात्रा को लेकर निकला हूं। प्रदेश आधे से ज्यादा प्रदेश का दौरा कर चुका हूं, इस दौरान जनता का भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है।
- परिवर्तन यात्रा की आवश्यकता क्यों महसूस हुई?
. इस समय देश के हालात ठीक नहीं है। महंगाई चरम पर है। प्रति दिन डीजल- पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं, रसोई गैस के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं। जिसका असर सीधे आम जनता पर पड़ रहा है। झूठे वादे करने वालों को सत्ता में बने रहने का हक नहीं है।
- कोराना के कारण भी असर पड़ा है आम जन जीवन पर?
. कोरोना के कारण सबकुछ बंद हो गया, लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच गये, रोजगार छीन गये। सरकार की गलत नीतियों की वजह से बेरोजगारी बढ़ी है। किसी को लाभ नहीं हो रहा है। पूरे देश की जनता दुखी है। महंगी बिजली का करंट ऊपर से जनता को लग रहा है। केंद्र एवं प्रदेश सरकार ने जनता से जो वादे किये उनमें से कोई पूरा नहीं हुआ। न काला धन लाया गया, न लोगों के खाते में पैसे गये, किसानों की दो गुनी करने का वादा था, लेकिन आधी हो गई, किसान 11 माह से सड़कों पर बैठे हैं उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
- निजीकरण बढ़ रहा इसको लेकर क्या विचार है?
.निजीकरण के नाम पर बड़े उद्योपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। अडाणी को पांच वर्ष पूर्व कोई नहीं जानता था, आज वह वह दूसरा सबसे बड़ा पैसा वाला है। यह क्यों हुआ। गिनती के चार- पांच उद्यमियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है जिसमें अंबानी भी शामिल है।
- भविष्य की रणनीति क्या है, किसके साथ प्रसपा का गठबंधन होगा?
. परिवर्तन रथ यात्रा प्रारंभ करने से पूर्व नेताजी से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि अखिलेश से बात करेंगे। लेकिन बात आगे नहीं बढ़ रही। ऐसी स्थिति में दीपावली के बाद निर्णय करेंगे। समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन करेंगे। इसमें एक राष्टÑीय पार्टी से गठबंधन अवश्य होगा।
- नेताजी किसके साथ रहेंगे?
. नेताजी ने कहा था कि वे अखिलेश यादव से गठबंधन को लेकर बात करेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि अखिलेश ने मेरी (उनकी) बात नहीं मानी तो वे प्रसपा का प्रचार करेंगे। अब दीपावली पर एक बार फिर नेताजी से बात करुंगा। इसके बाद ही रास्ता तय हो जायेगा।
- आपने सपा से गठबंधन का प्रयास किया?
. मैंने अपनी तरफ से बात की थी। लेकिन सपा की तरफ से कोई प्रयास नहीं हुआ। नेताजी ने सपा को खड़ा किया है। उनका 75 फीसद योगदान है। लेकिन 25 फीसद योगदान तो मेरा भी है।