– सड़क- रेलवे लाइन को जाम करने पर
– क्या लोग अपना कारोबार बंद कर दें
– किसानों को सड़क से हटाने के लिए क्या कर रही है सरकार
– सड़कों पर हमेशा के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता
अथाह ब्यूरो
नयी दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं को घेर कर एवं सड़क जाम करने के साथ ही पंजाब- हरियाणा में रेलवे लाइनें जाम करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को तगड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने नाराज होते हुए कहा किसानों ने शहर का गला घोंट दिया है। सुप्रीम अदालत ने किसान महापंचायत से कहा अब वे शहर के अंदर आकर उत्पात मचाना चाहते हैं। क्या लोग अपना कारोबार बंद कर देें। इसके साथ ही सरकार से पूछा गया कि किसानों को सड़क से हटाने के लिए वह क्या कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में जंतर- मंतर पर प्रदर्शन की मांग करने वाले किसानों (किसान महापंचायत) के रुख पर आपत्ति जताई जो अदालतों में कानूनों की वैधता को चुनौती देने के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एक बार कानूनों को अदालतों में चुनौती देने के बाद किसानों को विरोध जारी रखने के बजाय व्यवस्था और अदालतों पर अपना विश्वास करना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘आपको प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन राजमार्गों को ब्लॉक कर लोगों को परेशानी में नहीं डाल सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा,’ पहले आप शहर के बाहर सड़कों को अवरोध किया और अब आप शहर के भीतर आना चाहते हैं। जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से खफा है।
सुप्रीम अदालत ने कहा प्रदर्शन कर रहे किसान यातायात बाधित कर रहे हैं, ट्रेनों और राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर रहे हैं। सुरक्षा कर्मियों को निशाना बना रहे हैं, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और फिर भी प्रदर्शन करने की मांग के लिए याचिका दायर कर रहे हैं। ऐसे में प्रदर्शन करने की इजाजत कैसे दी जा सकती है। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता किसान महापंचायत संगठन से कहा, पहले आप हलफनामा दायर कर बताए कि फिलहाल सीमाओं पर बैठे प्रदर्शकारियों से आपका कोई संबंध तो नहीं है। सर्वोच्च अदालत ने याचिका की प्रति केंद्रीय एजेंसी और अटॉर्नी जनरल को देने का भी आदेश जारी किया है।
– सड़कों से प्रदर्शन हटाने के लिए क्या कर रही सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा सड़क की ‘नाकेबंदी’ को हटाने के लिए क्या कर रही है? शीर्ष अदालत ने एक बार फिर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कि सड़कों को हमेशा के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता।