Dainik Athah

भारतीय जनता पार्टी सिर्फ एक दल नहीं बल्कि एक विचार है: धर्मपाल सिंह

बूथ सम्मेलन में पहुंंचे भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम दूसरे दिन सोमवार को भी प्रदेश में बूथ स्तर आयोजित किये गए। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने मुरादाबाद, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अलीगढ, ब्रजेश पाठक लखनऊ महानगर तथा प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने लखनऊ जिला में स्थापना दिवस पर पार्टी पदाधिकारियों, स्थानीय नागरिको तथा कार्यकतार्ओं के साथ संवाद किया। इसके साथ ही प्रदेश में पार्टी के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ नेता तथा पार्टी के कार्यकर्ता बूथ पर आयोजित कार्यक्रमों में पहुंचे और हर्षोल्लास के साथ पार्टी का स्थापना दिवस मनाया।

भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने राजधानी लखनऊ के बक्शी का तालाब के चिनहट ग्रामीण मंडल के बूथ क्रमांक 299 पर आयोजित पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सिर्फ एक दल नहीं बल्कि एक विचार है। जो राष्ट्र की आराधना, मां भारती की साधना और सबके कल्याण की कामना के साथ काम करती है। भाजपा हर क्षेत्र, हर भाषा, हर संप्रदाय और हर देशवासी को जोड़कर आगे बढ़ रही हैं। भाजपा आज राष्ट्रहित की भी पार्टी है और क्षेत्रीय आकांक्षाओं की भी पार्टी है।

धर्मपाल सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने मूल्यों, सिद्धातों, नेतृत्व और कार्यकतार्ओं की वजह से आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। हमारे पास 18 करोड़ से ज्यादा समर्पित कार्यकर्ता है। देश की आबादी में 13 फीसदी से ज्यादा लोग हमारे सदस्य हैं। देश के 21 राज्यों में हमारी या हमारे गठबंधन की सरकार है। भारतीय जनता पार्टी आज जिस मुकाम पर खड़ी है उसमें असंख्य कार्यकतार्ओं का संघर्ष, हमारे नेताओं का बलिदान, त्याग और समर्पण शामिल है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक श्रद्धेय गुरु जी से मिलने के बाद डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय व प्रोफेसर बलराज मधोक के साथ मिलकर 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में भारतीय जनसंघ की स्थापना की। देश आजादी के बाद भी ब्रिटिश औपनिवेशिक मानसिकता पर चल रहा था। ऐसे में पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी ने कहा कि पूंजीवाद हो या समाजवाद दोनों ही भारतीय भूमि की उपज नहीं हैं। हमारी संस्कृति से मेल नहीं खाते। दीन दयाल जी ने कहा कि हमें विवाद या संघर्ष नहीं समन्वय का रास्ता चुनना है। जहां व्यक्ति का व्यक्ति से संघर्ष ना हो बल्कि एकात्मता का भाव हो। पंडित दीनदयाल जी के इसी एकात्म मानववाद और अंत्योदय को लेकर भारतीय जनसंघ की यात्रा शुरू हुई और आज भाजपा रूपी विशाल वृक्ष के रूप में हमारे और आप सबके सामने खड़ी है।

धर्मपाल सिंह ने कहा कि हमारे मुद्दे थे समान नागरिक संहिता, गोहत्या पर प्रतिबंध और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति। एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान के विरोध में डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर कूच करने का फैसला किया। जहां प्रवेश के लिए परमिट की आवश्यकता होती थी। डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश की एकता और अखण्डता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि 1977 में इमरजेंसी खत्म होने के बाद जनसंघ ने राष्ट्र सर्वाेपरि की भावना के साथ विपक्षी दलों के साथ वैचारिक मतभेदों को भुलाकर इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी की तानाशाही को जवाब देने के लिए खुद का जनता पार्टी में विलय कर दिया। मोरारजी देसाई की अगुवाई में जनता पार्टी की केंद्र में सरकार बनी, अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री और लालकृष्ण आडवाणी सूचना एवं प्रसारण मंत्री बने। इंदिरा गांधी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता का ये प्रयोग बहुत ज्यादा दिनों तक सफल नहीं हो सका। गुटबाजी और अंतर्विरोधों की वजह से 1979 में जनता पार्टी की सरकार गिर गयी।

धर्मपाल सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के खिलाफ देश को राष्ट्रवादी राजनीति का विकल्प देने के लिए 6 अप्रैल 1980 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। अटल बिहारी वाजपेयी जी इसके पहले अध्यक्ष बने। 6 अप्रैल 1980 को भाजपा के गठन के बाद पार्टी का पहला अधिवेशन दिसंबर 1980 को मुंबई में हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने कार्यकतार्ओं के त्याग, तपस्या से बनी हुई है। भाजपा जमीन पर काम करके आगे बढ़ी है। भाजपा गांव में, खेत खलिहानों में गरीबों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर तपकर के आगे बढ़ी है। उन्होंने कहा कि तपेगा जो, गलेगा वो, गलेगा जो ढलेगा वो, ढलेगा जो बनेगा वो के मूलमंत्र पर चलते हुए भाजपा कार्यकर्ता राष्ट्र सर्वोपरि के भाव के साथ काम कर रहे हैं।


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