आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व है। पूरे भारत देश ही नहीं विदेशों में भी भगवान कृष्ण के भक्त धूमधाम से जन्माष्टमी पर्व मना रहे हैं। इस बार का श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व कई मायनों में खास रहा है। पहला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा वृंदावन में भगवान के दर्शन करने गये। जब भारतीय राजनीति जाति एवं धर्म के बीच झूलती है उस समय यह विशेष अवसर हो जाता है। भाजपा के मोदी- योगी के बाद अब धर्म निरपेक्षता का दम भरने वाले नेताओं की भी मजबूरी हो गई कि वे भी भगवान के दर पर माथा टेकें।
ऐसा ही हो भी रहा है। यह जन्माष्टमी पर्व इसलिए भी खास है कि श्रीनगर के लाल चौक पर धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। यह वहीं लाल चौक है जहां पर भारत का गौरव तिरंगा भी नहीं फहराया जा सकता था। उसी स्थान पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाने की तो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। पाठकगण यह भी कह सकते हैं कि मैं महिमा मंडन कर रहा हूं। लेकिन यह महिमा मंडन नहीं है एक आम भारतीय की नजर से देखें तो दोनों ही महत्वपूर्ण घटना है। जिस दिन लाल चौक पर खुलेआम तिरंगा लहराया था उस दिन भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था। ठीक उसी प्रकार आज फिर भारतीयों की छाती चौड़ी हो गई। जब यह सुना कि लाल चौक पर जन्माष्टमी की धूम है तो पहले तो इस पर विश्वास ही नहीं हुआ। लेकिन जब चैनलों के साथ ही विभिन्न माध्यमों से लाल चौक पर जन्माष्टमी की धूम देखी तो अपनी ऊंगलियों को रोक नहीं पाया। इसी को भारत कहते हैं। जिस प्रकार ईद- क्रिसमस पूरे देश एवं विश्व में मनाई जाती है उसी प्रकार भगवान कृष्ण का जन्म दिवस पूरे देश के साथ ही श्रीनगर के लाल चौक पर मनाया जा रहा है यह देख- सुनकर सुखद अनुभूति हो रही है। अंत में इतना ही कहूंगा जय जय श्री राधे।