Dainik Athah

मंथन

. अभी तो कप्तानी दिखानी शुरू ही की थी, लेकिन पुराने मामले ने नहीं छोड़ा पीछा


गाजियाबाद के कप्तान/डीआईजी अमित पाठक जिले में आमद करने के बाद लंबे समय तक शांत रहे थे। शायद वे जिले की नब्ज टटोल रहे थे। जिले को समझने के बाद जब उन्होंने कप्तानी दिखानी शुरू ही की थी कि उनको हटा दिया गया। पिछले करीब एक माह से पाठक कप्तानी के पूरे जोश में थे एवं चौके- छक्के लगा रहे थे। जिस प्रकार उन्होंने जिले की पुलिस के पेंच कसने शुरू किये, इसके साथ ही जन प्रतिनिधियों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू किया उससे लगने लगा था कि लंबे अरसे बाद जिले को बेहतर कप्तान मिला है। लेकिन आधी रात को सरकार ने उन्हें हटा दिया। वह भी एक पुराने मामले में।

हालांकि उनसे पहले जिले में कप्तानी कर चुके अधिकारी इन दिनों अलीगढ़ में कप्तानी कर रहे हैं। लेकिन अलीगढ़ जैसा उनका रंग गाजियाबाद में नजर नहीं आया था। गाजियाबाद में अब लंबे समय बाद कप्तान सड़कों पर नजर आ रहे थे। जिस प्रकार की कप्तानी अमित पाठक करके गये हैं उसे देखते हुए नये कप्तान के सामने चुनौती होगी कि वे खुद को अमित पाठक से बेहतर कप्तान साबित करें। हालांकि जिस प्रकार बदमाशों ने बड़ी लूट कर उन्हें सलामी दी है उसे देखते हुए लगता है कि या तो नये कप्तान को बेहतरीन पारी के लिए तैयार रहना होगा अथवा अन्य की तरह वे भी गुमनामी में रहेंगे। आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट होगी कि कप्तान भारी पड़ेंगे अथवा उनका स्वागत करने वाले बदमाश।

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