Dainik Athah

महिलाओं की सुरक्षा के लिए योगी के कार्यों को प्रियंका के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं : सिद्धार्थनाथ

अथाह ब्यूरो
लखनऊ। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट पर तंज करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि बेहतर होगा कि बोलने के पहले प्रियंका गांधी वाड्रा तथ्यों को भी जान लिया करें। वह सच को तोड़-मरोड़कर अपने हित के अनुसार पेश करती हैं। महिला सुरक्षा को लेकर उनकर ट्वीट पर पलटवार करते हुए सिद्धार्थनाथ ने आज सोमवार को जारी बयान में कहा है कि योगी सरकार ने महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा के बारे में जो किया है, वह सब जानते हैं।


प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध अपराधों को नियंत्रित करने और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की स्थापना की गई है। चार वर्षों में विमेन पावर लाइन के तहत 1193078 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 1167898 से अधिक का निस्तारण हो चुका है। जुलाई 2020 से विमेन पावर लाइन के ही तहत फैमिली फ्रेंड एवं रिलेटिव की काउंसलिंग की भी शुरूआत की गई।
सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए सार्वजनिक स्थानो को सुरक्षित बनाने को सरकार ने सभी जिलों में पहली बार एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन कर शोहदों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की है। महिला सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए 17 अक्टूबर 2020 को मिशन शक्ति अभियान की शुरूआत हुई। महिला दिवस पर इसका दूसरा चरण प्रारंभ हुआ और शीघ्र ही इसके अगले चरण की शुरूआत होने जा रही है। मिशन शक्ति के तहत प्रदेश के 1535 थानों पर महिला हेल्प डेस्क की स्थापना करते हुए महिला संबंधी अपराध में त्वरित कार्यवाही हेतु सभी रेंज मुख्यालययों पर महिला साइबर क्राइम सेल तथा थाने के समकक्ष एक-एक महिला पुलिस चौकी परामर्श केंद्र की स्थापना की गई।


उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा के लिए सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत लखनऊ शहर में 45 पिंक बूथ, 18 पिंक शौचालय तथा 660 स्ट्रीट लाइट का लोकार्पण महिला दिवस 8 मार्च 2021 को किया गया है। सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत विमेन पावर लाइन की साइबर सेल को भी सशक्त किया गया है जिसके अंतर्गत अत्याधुनिक साइबर फॉरेंसिक टूल का उपयोग करते हुए महिला संबंधी शिकायतों का त्वरित निस्तारण कराया जा रहा है। एनसीआरबी 2019 के अनुसार, महिलाओं के विरूद्ध अपराधों में सजा दिलाने में भी देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों के अंतर्गत वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2019 में बलात्कार के अपराधों में 36.04 प्रतिशत, दहेज मृत्यु में 2.5 प्रतिशत एवं अपहरण के अपराधों में 10.04 प्रतिशत की कमी आई है। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि आपको ये आंकड़े और योगी सरकार के काम क्यों नहीं नजर आते? कोरी ट्विटरबाजी की बजाय कुछ पढ़ लेतीं तो शायद जनता के बीच हंसी के पात्र नहीं बनती। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार की संवेदनशीलता जनता जानती है और इस संबंध में आपके प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। मालूम हो कि अपने ट्वीट में प्रियंका ने लिखा है कि उप्र में महिलाओं के खिलाफ अपराध की रोज औसतन 163 घटनाएं होती हैं। सरकार इनके प्रति गंभीर नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *