Dainik Athah

डासना मंदिर में अतिथि साधु पर कातिलाना हमला

यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या करने आए हमलावर 

गला रेतकर और पेट पर धारदार हथियार से हमला कर हत्या का प्रयास

तमाम सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर हमलावरों ने वारदात को दिया अंजाम

अथाह संवाददाता

गाजियाबाद। डासना स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर में अज्ञात हमलावरों ने बिहार से आए एक साधु पर कातिलाना हमला किया। साधु को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। आशंका जताई जा रही है कि हमलावर मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या करने के उद्देश्य से मंदिर में घुसे थे। मंगलवार तड़के हुई इस घटना के बाद मंदिर की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस बल की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े हो गए। सवाल यह उठता है कि मंदिर पर पुलिस की इतनी बड़ी तैनाती के बाद भी हमलावरों ने इस घटना को अंजाम दिया तो कैसे?

मंदिर सूत्रों ने बताया कि मंगलवार तड़के लगभग साढ़े तीन बजे कुछ मुस्लिम हमलावर मंदिर की दीवार तोड़ कर घुस आये और उन्होंने पूरा मंदिर खंगाल डाला। मंदिर में महंत नरसिंहानन्द सरस्वती नहीं मिले तो इन हमलावरों ने मंदिर में बिहार से आये अतिथि संत स्वामी नरेशानन्द पर जानलेवा हमला कर दिया। उनके गले और पेट पर धारदार हथियार से वार कर दिया। उस समय मंदिर में तैनात पुलिस के सुरक्षा कर्मी सोये हये थे। हमले की आहट पाते ही जैसे ही मंदिर के सेवादारों ने शोर मचाया तो हमलावर फरार हो गये। स्वामी नरेशानन्द के गले व पेट पर धारदार हथियार से वार के कारण उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें उपचार के लिए यशोदा अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है

अप्रैल से हत्या के कई प्रयास हो चुके हैं ।

अप्रैल माह में महंत यति नरसिंहानन्द सरस्वती द्वारा नई दिल्ली में की गयी प्रेस कांफ्रेंस के बाद से जिहादी लगातार उनकी हत्या का प्रयास कर रहे हैं। उनकी हत्या के लिए करोड़ों के इनाम घोषित किये जा रहे हैं। इसके बाद मंदिर में दो मुस्लिम अपना नाम बदल कर घुस कर सर्जिकल ब्लेड व साइनाइड लेकर यति नरसिंहा नन्द सरस्वती की हत्या के इरादे से घुसे थे। उससे पहले दिल्ली में कश्मीर के आतंकी को भी गिरफ्तार किया गया था, जिसे पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने यति नरसिंहानन्द की हत्या करने के लिए भेजा था। उसके बाद लगातार कई बार हमलावर हत्या करने के इरादे से मंदिर व उसके आसपास आये लेकिन हर बार मंदिर के सेवादारों ने उनके प्रयासों को नाकाम कर दिया।

यति नरसिंहानन्द थे टारगेट
मंदिर में यदि स्वामी नरेशानन्द की जगह हमलावरों को यति नरसिंहानन्द सरस्वती मिल गये होते तो क्या होता। इस बात को लेकर पूरे क्षेत्र में चिंता और सनसनी है। इस बात को लेकर पूरे क्षेत्र में तनाव है। इस घटना के बाद लोगों ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं। मंदिर सूत्रों की माने तो हमलावरों के टारगेट अतिथि साधु नहीं बल्कि यति नरसिंहानंद सरस्वती थे।

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