– विधायक नंद किशोर गुर्जर ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
– लोनी के रूप नगर राशन दुकान पर छापे का मामला
– ठेकेदार से लेकर एसडीएम तक पर लगाये भ्रष्टाचार के आरोप
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना में हो रही बंदरबांट को रोकने के साथ ही दोषी अधिकारियों- कर्मचारियों, ठेकेदार एवं कोटेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बुधवार को नंद किशोर गुर्जर ने जब ज्ञापन सौंपा उस समय विधायक अजीत पाल त्यागी, सुनील शर्मा, जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल भी उनके साथ थे। उन्होंने ज्ञापन में कहा कि राशन वितरण में भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतें उनके पास आ रही थी। लोगों की यह भी शिकायत है कि कोटेदार अंगूठा एवं हस्ताक्षर लेकर कोटेदार राशन डकार जाते हैं। इसके साथ ही प्रति यूनिट एक से डेढ़ किलो राशन कम मिलता है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि एसडीएम, डीएसओ, खाद्य निरीक्षक, आपूर्ति निरीक्षक, एसएमआई एवं ठेकेदारों के गठजोड़ द्वारा राशन चोरी करवाया जा रहा है। इस मामले में उन्होंने स्वयं दो अगस्त को रूपनगर स्थित राशन गोदाम पर छापा मारा।
गोदाम पर बड़े ट्रक से राशन की बोरियां उतारकर छोटा हाथी में भरी जा रही थी। छापे के दौरान छोटा हाथी ड्राइवर गाड़ी लेकर भागने लगा जिसे पुलिस ने पकड़ लिया। इसके साथ ही जिन गाड़ियों से अनाज उतारा जा रहा था उनके ड्राइवरों को भी पकड़ लिया गया। पकड़े गये लोगों ने बताया कि ठेकेदार का मुनीम जावेद एवं आटा चक्की का मालिक शकील इसमें शामिल है। इस मामले में विधायक ने स्वयं लोनी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था।
नंद किशोर गुर्जर ने आरोप लगाया कि प्रत्यक्ष प्रमाण के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने गलत रिपोर्ट लगाकर भ्रष्टाचार को छुपाने एवं दोषियों को बचाने का काम ्रकिया है। उन्होंने बताया कि गोदाम के कर्मचारी ने बताया िएसडीएम, डीएसओ, आपूर्ति निरीक्षक, एसएमआई की बैठक में तय हुआ कि सबकुछ मैनेज कर लेंगे तथा मामला रफा दफा कर दिया जायेगा। इससे विधायक भी शांत हो जायेगा। इसके साथ ही पकड़ी गई बोरियों में एक बोरी कम दिखाकर वजन पूरा कर लिया जायेगा। जबकि पकड़े गये ड्राइवर ने भी थाने में बयान दिया था कि एक रात में 30 क्विंटल अनाज ले जाया जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे जिले में प्रति राशन कार्ड पांच रुपये सुविधा शुल्क लिया जाता है। हर बोरी में से भी एक किलो तीन सौ ग्राम अनाज की कटौती की जाती है। इसी कारण ईमानदार कोटेदारों ने राशन की दुकानें सरेंडर कर दी। उन्होंने कहा कि किस उच्चाधिकारी के संरक्षण में यह हो रहा है। इसके साथ ही आरोप लगाया कि ऐसे अधिकारियों का नाम भी आया है जो खुद को मुख्यमंत्री का का करीबी एवं उच्चाधिकारियों का रिश्तेदार बताते हैं। उन्होंने पूरे मामले में ुदोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाये।