शायद ही कोई दिन जाता हो जब सरकार की कमियां मीडिया में न आती हो। लेकिन यदि सरकार अच्छा काम करे तो उसकी सराहना भी होनी चाहिये। उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को दो बड़े निर्णय लिये। दोनों ही सराहनीय है। इसमें पहला निर्णय स्कूलों को 50 फीसद क्षमता के साथ खोलने का है। दो दिन पहले इसी मंथन में स्कूल खोलने का मुद्दा खुलकर उठाया गया था। स्कूल बंद होने से होने वाली परेशानियों की तरफ भी इशारा किया था। अब सरकार ने इस मामले में निर्णय लिया है तो उसकी सराहना होनी चाहिये। हालांकि कुछ लोग कमियां भी गिनायेंगे।
लेकिन ऐसे लोग मुट्ठीभर होंगे। इस मामले में कोरोना गाइड लाइन का पालन करने के साथ ही समस्त दूसरे उपाय भी स्कूल प्रबंधन एवं सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को करने होंगे। दूसरा निर्णय कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को प्रति माह ढ़ाई हजार रुपये देने का है। सरकार के इस कदम से अनाथ बच्चों को दो वक्त की रोटी के साथ ही उनकी शिक्षा उनको पालने वालों के लिए भार नहीं होगी। हालांकि संघ से जुड़े कार्यकर्ता भी अनाथ बच्चों को गोद ले रहे हैं। लेकिन सरकार की घोषणा ने यह बता दिया कि उसे अनाथ बच्चों की चिंता है। अनाथ बच्चों के मामले में प्रमाण का मुद्दा उठ रहा है। यह जिलों के अधिकारियों के साथ ही समाजसेवी संस्थाओं की जिम्मेदारी है कि वे इस प्रकरण को देखकर समाधान करें। किसी की सराहना मैं बहुत जल्दी नहीं करता। लेकिन आज के दोनों ही निर्णयों को लेकर अपना हाथ लिखने से रोक नहीं सका। उम्मीद है कि आगे भी सरकार आम जनता के भले वाले निर्णय लेगी।