Dainik Athah

कुछ लोगों ने आखिर क्यों बनाई एके से दूरी!

कुछ लोगों ने आखिर क्यों बनाई एके से दूरी!
्नरविवार का दिन गाजियाबाद भाजपा के लिए खास था। पूर्व नौकरशाह, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा (एके) गाजियाबाद में थे। उनसे नजदीकी के लिए भाजपाइयों में होड़ सी थी। हालांकि उनके पूरे दौर में सौम्य स्वभाव ने एक छाप छोड़ी। कार्यक्रमों में भाजपा के अनेक जन प्रतिनिधि जहां शामिल थे, वहीं जिला व महानगर भाजपा भी शामिल थी। गाजियाबाद आगमन से पहले दिन एके ने भाजपा के प्रमुख पदाधिकारियों को बाकायदा फोन कर बताया कि वे रविवार को गाजियाबाद आ रहे हैं।

उनके गाजियाबाद आगमन के दौरान पार्टी के अध्यक्षों से लेकर जन प्रतिनिधि तक जुटे। लेकिन कुछ ऐसे भी जन प्रतिनिधि है जिनके न आने को लेकर लगातार चर्चाएं होती रही। स्थानीय सांसद तो स्वयं एक के बाद एक कार्यक्रमों में व्यस्त थे। जिस कारण उनका न आना समझ में आता है। लेकिन एक राज्यसभा सदस्य, एक मंत्री एवं एक एमएलसी का न आना राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके साथ ही चर्चा यह भी रही कि मंत्री जी को अपनी कुर्सी की चिंता है। एके को दस हजार वाट का करंट माना जाता है। मंत्री जी ने सोचा हो कि कहीं बाबा खफा न हो जाये। राज्यसभा वालों के भी अपने व्यापार चलते हैं। इसके साथ ही एमएलसी खुद मंत्री की दौड़ में है। उन्हें लगा हो कि कहीं एके का करंट उनकी लालबत्ती की हसरत पूरी ही न होने दें। सनद रहे कि एके प्रदेश में डिप्टी बनते बनते रह गये। बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र का जिम्मा कोरोना काल में संभाल लिया। भाजपा कार्यालय में तो यहां तक उनके सामने ही बात होती रही कि कोरोना काल में यदि उनसे गाजियाबाद वालों ने कोई मांग की तो वह भी पूरी की गई। बस बात उनके पास पहुंचने की देरी थी। जिस प्रकार वे गाजियाबाद में अचानक सक्रिय हुए हैं उसके निहितार्थ भी तलाशे जा रहे हैं। इसके साथ ही कुछ लोगों की उनसे दूरी के कारणों की तलाश में भी पार्टी के ही भेदिये जुटे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *