प्रदेश की वर्तमान सरकार के दौरान अधिकारियों को विधायकों की छोड़ो मंत्रियों का भी डर नहीं लगता। मंत्री भी उनके विभाग के हो तब भी। ऐसी घटना गाजियाबाद जिले की है। लेकिन अन्य जिलों में हालात कोई अच्छे नहीं है। पिछले दिनों लोगों की सेहत का ध्यान रखने वाले विभाग के मुखिया बहुत अंधेरे में रखने की मेरी आदत नहीं है तो खुलासा कर दें कि ये अधिकारी सीएमओ साहब है कोरोना संक्रमित हो गये। उनके पीछे से कार्यवाहक सीएमओ को जब उनके ही विभागीय मंत्री ने फोन किया तो उन साहब ने जवाब दिया कि … तो क्या में भी सीएमओ की तरह घर जाकर सो जाऊं। अब अपने ही विभाग के अधिकारी के मुंह से यह बात सुनकर मंत्री जी चौंक गये। खैर हालात ठीक नहीं है। लेकिन मंत्री तो मंत्री है उन्होंने गांठ बांध ली। हिसाब तो उन साहब का अवश्य होगा। बात गाजियाबाद वालों की ही नहीं प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसी ही स्थिति है जहां जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहने से नहीं हिचकते। उन्हें पता है कि उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा। इतना लंबा किस्सा सुनाने का मकसद केवल यह है कि जब अफसर अपने ही मंत्री की नहीं सुनते ऐसे में भाजपा के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों एवं विधायकों की क्या स्थिति होगी इसे समझा जा सकता है। जिले में चर्चा तो बहुत है। अनेक अफसरों के संक्रमित होने को लेकर भी लोग सवाल उठाने लगे हैं। हालांकि यह सोच उनकी है। लेकिन ऊपर वाले ने उन सभी के ऊपर कृपा की तथा वे ठीक हो गये। इसी प्रकार जिले ही नहीं देश के सभी लोग ठीक हो तथा हंसते हुए अपने घर लौटें यहीं प्रभु से कामना है।