अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के तेजी से प्रभाव दिखाने पर मोर्चा संभाला लिया है। उन्होंने अधिक संक्रमण वाले जिलों में स्थलीय निरीक्षण के साथ ही सभी को बेहद सचेत किया है। इसी बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि कक्षा एक से 12 तक के सभी स्कूलों को 30 अप्रैल तक बंद रखें और बिना मास्क के पकड़े जाने वाले पर तत्काल जुर्माना लगाएं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर उच्च सतरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के साथ स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, राज्य मंत्री, मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक भी थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने निगरानी समितियों और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की उपयोगिता बढ़ाने पर जोर दिया। इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम काहर जगह पर प्रयोग अनिवार्य करने का निर्देश दिया।
कक्षा 01 से 12वीं तक के सभी स्कूल 30 अप्रैल तक बंद: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों के साथ मास्क न लगाने वाले लोगों पर विधिसम्मत तत्काल जुमार्ना लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते दौर में भी लोग लापरवाह होते जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में कक्षा 01 से 12वीं तक के सभी सरकारी/गैर सरकारी विद्यालयों में 30 अप्रैल तक पठन-पाठन स्थगित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कहा कि इस दौरान हर जिले में कोचिंग सेंटर भी बंद रहेंगे। इस अवधि में पूर्व निर्धारित परीक्षाएं हो सकती हैं और आवश्यकता के अनुरूप शिक्षक व अन्य स्टाफ आ सकते हैं।
कोरोना कर्फ्यू: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक केस मिल रहे हैं, अथवा जहां कुल एक्टिव केस की संख्या 500 से अधिक है, वहां रात्रि नौ बजे से प्रात: 6:00 बजे तक
कोरोना कर्फ्यू लगाया जाए। कंटेन्मेंंट जोन की व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाए। नगर विकास और ग्राम्य विकास विभाग इस दौरान विशेष स्वच्छता अभियान संचालित करे। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सैनिटाइजेशन, स्वच्छता आदि का विशेष महत्व है।
टेस्ट, ट्रेस व ट्रीट का मंत्र :
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए टेस्ट, ट्रेस व ट्रीट के मंत्र को आत्मसात कर कार्य किया जाना चाहिए। प्रतिदिन न्यूनतम एक लाख आरटीपीसीआर टेस्ट किए जाएं। सभी सरकारी तथा निजी टेस्टिंग लैब पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। टेस्टिंग में देरी स्वीकार्य नहीं है। इसके साथ कोविड चिकित्सालयों में चिकित्सा कर्मियों, औषधियों, मेडिकल उपकरणों व बैकअप सहित आॅक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखी जाए।