Dainik Athah

मंथन: जल निगम के भ्रष्टाचार ने योगी सरकार को किया कलंकित!

पालन


प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति भ्रष्टाचार के बार में जीरो टोलरेंस की है। लेकिन नीचे के स्तर पर एवं प्रदेश की राजधानी से दूर बैठे अफसरों पर नकेल नहीं कसी जा पा रही है। पहले मुरादनगर के उखलारसी शमशान घाट एवं अब उत्तर प्रदेश जल निगम ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करने का अवसर विपक्षी दलों को दे दिया है। मुरादनगर शमशान घाट मामले में ईओ से लेकर जेई तक कई लोग गिरफ्तार हुए। इस मामले में एटीएस की जांच अभी जारी है। वहीं दो दिन पूर्व जिस प्रकार विजिलैंस टीम ने उत्तर प्रदेश जल निगम के अधिशासी अभियंता को अपने दफ्तर में बैठकर 13 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है उसने जिले के विभागों की पोल खोल कर रख दी। जिस परिसर से अधिशासी अभियंता गिरफ्तार किया गया उसी परिसर में मुख्य रूप से जल निगम के मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता भी बैठते हैं। जल निगम में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है। अभी पिछले दिनों ही नंद ग्राम, संजयनगर, मोदीनगर के गोविंदपुरी, मोदीनगर मुख्य मार्ग पर जल निगम से परेशान लोगों ने शिकायतें भी की है कि जल निगम के अधिकारी ठीक से काम नहीं करते। इसके साथ ही भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं। भाजपा कहती थी कि सपा राज में जल निगम में भ्रष्टाचार था। लेकिन अब तो लगता है कि वर्तमान सरकार में भी यहीं स्थिति है। विजिलैंस ने गिरफ्तार अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह को गिरफ्तार करने के बाद शुक्रवार को जेल भेज दिया। लेकिन क्या उससे यह पूछताछ नहीं होनी चाहिये कि रिश्वत की रकम कहां कहां पर बांटी जाती थी। यदि इस मामले में सरकार ने कोई जांच अलग से नहीं बैठाई तो फिर मामला यहीं दब जायेगा। लेकिन जिले की स्थिति एक बार फिर सामने आ गई कि जिले में भ्रष्टाचार पर रोक नहीं है। योगी जी जरा गाजियाबाद जिले को भी देख लीजिये यह आवाज आम आदमी की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *