यीडा का बड़ा अभियान, 4.6 हेक्टेयर (46,000 वर्ग मीटर) भूमि पर से हटाया अवैध कब्जा
प्राधिकरण की भूमि पर अवैध रूप से बनाई गई टीनशेड, कच्ची-पक्की दीवारें, झोपड़ियां, स्थायी-अस्थायी निर्माण को पूरी तरह किया गया ध्वस्त
मुख्यमंत्री के निर्देश पर औद्योगिक विकास और अवसंरचनात्मक परियोजनाओं को गति देने के लिए जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराने की चल रही मुहिम
अथाह ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप बुधवार को ग्राम दनकौर (तहसील सदर, गौतम बुद्ध नगर) में अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। खसरा नंबर 211 पर फैली 4.6 हेक्टेयर यानी लगभग 46,000 वर्ग मीटर बहुमूल्य सरकारी/प्राधिकरण की भूमि को पूर्णतः अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया। इस भूमि का अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 500 करोड़ रुपये बताया गया है। यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के विशेष कार्य अधिकारी शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में संपन्न हुई कार्रवाई के दौरान मौके पर जेसीबी मशीनों के साथ पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहा।
*अवैध निर्माण का पूरी तरह ध्वस्तीकरण*अभियान के दौरान प्राधिकरण की भूमि पर अवैध रूप से बनाई गई टीनशेड, कच्ची-पक्की दीवारें, झोपड़ियां, स्थायी-अस्थायी निर्माण को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। इससे यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक एवं शहरी विकास के लिए आरक्षित भूमि पूरी तरह मुक्त हो गई है। शैलेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यीडा क्षेत्र में विकास परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्राधिकरण की किसी भी भूमि पर अवैध कब्जा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में ऐसा करने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और लागत वसूली के साथ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज होगा।
*विकास परियोजनाओं को मिलेगी गति*शैलेंद्र सिंह ने कहा कि दनकौर में 46,000 वर्ग मीटर से अधिक भूमि, जिसकी कीमत लगभग 500 करोड़ रुपये है, को अतिक्रमण से मुक्त कराना यीडा के संकल्प का प्रतीक है। यह कार्रवाई स्पष्ट करती है कि योगी सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश, अवसंरचना विस्तार और पारदर्शी प्रशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे तथा ईस्टर्न पेरिफेरल के इंटरचेंज के किसानों के 7% आबादी भूमि एवं यीडा क्षेत्र में विकास परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सरकारी व प्राधिकरण की समस्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराना प्राथमिकता है।
