अथाह ब्यूरो, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने बढाई आपात ऋण गारंटी योजना की अवधि है। इसकी अवधि, एक महीने यानी तीस नवम्बर या इस योजना के तहत तीन लाख करोड़ रुपए के ऋण की स्वीकृति तक में से जो भी कम हो, तक कर दी गई है। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को खोले जाने और त्योहारों के दौरान मांग में वृद्धि की आशा को देखते हुए ऐसा किया गया है।
आपात ऋण गारंटी योजना की घोषणा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत की गई थी। केन्द्र सरकार का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों, व्यापार उद्यमों, कारोबार के लिए वैयक्तिक ऋण और मुद्रा कर्जदारों को आसानी से गारंटीशुदा ऋण उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत 29 फरवरी 1920 तक 50 करोड़ रुपए तक बकाया ऋण वाले और दो सौ 50 करोड़ रुपए तक का वार्षिक कारोबार करने वाले ऋण ले सकते हैं।
बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों को अधिकतम नौ दशमलव दो-पांच प्रतिशत और गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों को 14 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। ऋण की अवधि चार वर्ष है, इसमें मूल भुगतान पर एक वर्ष ऋण स्थगन की अवधि शामिल है।
इस योजना के अन्तर्गत अब तक 60 लाख 67 हजार लाभार्थियों को 2,30,000 Cr. रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया है। एक लाख 48 हजार करोड़ रुपए की राशि का ऋण दिया जा चुका है।