
रात 3 बजे से श्रद्धालुओं का तांता, 500 पुलिसकर्मी तैनात

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। नगर के प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर में सावन के पहले सोमवार पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। रात 3 बजे से ही भक्तों का आना शुरू हो गया। तड़के से ही मंदिर के बाहर लंबी कतारें लग गईं।

श्रद्धालु हाथों में जल का लोटा लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने पहुंचे। इस बार बड़ी संख्या में महिलाएं और युवतियां भी सुबह-सवेरे पूजा के लिए आईं। महिलाओं का मानना है कि सावन में शिवजी की आराधना से सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में शांति मिलती है। मंदिर परिसर में ‘बोल बम’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारे गूंजते रहे। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी शिव भक्ति में लीन दिखे। दूधेश्वरनाथ मंदिर का विशेष पौराणिक महत्व है। यहां स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हुआ था। रावण के पिता विश्रवा मुनि ने यहां तप किया था। छत्रपति शिवाजी हर युद्ध से पहले यहां आशीर्वाद लेने आते थे। मंदिर के महंत नारायण गिरी के अनुसार, प्राचीन काल में एक गाय रोज शिवलिंग पर दूध चढ़ाती थी। इसी कारण इस स्थान का नाम दूधेश्वर पड़ा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गाजियाबाद पुलिस ने 500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग की गई है। सीसीटीवी कैमरों से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है।

सबसे पहले मन्दिर के महंत नारायण गिरी ने भगवान दूधेश्वर का पंचामृत से व दुधाभिषेक किया। उसके पश्चात अन्य श्रद्धालुओं ने शिवपिंडी का जलाभिषेक किया। हर हर महादेव बम भोले के जयघोष से वातावरण शिवमय हो गया। महंत नारायण गिरी ने बताया कि सावन महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस माह में जो भक्त सच्चे मन से शिव आराधना करते हैं उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। भक्तों की सुरक्षा के लिए मन्दिर परिसर से लेकर जीटी रोड तक पुलिस कर्मी तैनात रहे।

