- मधुबन बापू धाम योजना की चार हजार करोड की परिसंपत्तियों के निस्तारण की प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने तय की कार्य योजना
- योजना के प्रत्येक पाकेट में लगेगा बडा नक्शा, आवंटी अपने भूखंड की प्राप्त कर सकेंगे जानकारी
- प्राधिकरण के कार्यों में अवरोध उत्पन्न करने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्यवाही
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने मधुबन बापूधाम योजना की करीब चार हजार करोड़ की परिसंपत्तियों के निस्तारण के दिशा में अहम निर्णय लिए गए। इसके साथ ही तय किया गया कि योजना से प्रभावित किसानों को जुलाई माह के अंत तक भूखंड उपलब्ध करवा दिये जायेंगे।
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने तय किया कि सर्व प्रथम प्राधिकरण की परिसंपत्तियों के निस्तारण पर प्राथमिकता दी जाए जिसमे बैठक के दौरान जोर दिया गया कि हाल ही मे प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में लिए गए फैसले के आधार पर योजना से प्रभावित किसानों को इस माह के अंत तक भूखंड उपलब्ध हो जाए, इसके लिए कार्य पूरा कर लिया जाए। यह भी स्पष्ट किया गया कि अब विकास कार्यों को नवीन डीपीआर के अनुसार तेजी से शुरू किया जाए, ताकि जन सामान्य को मधुबन बापू धाम योजना में भूखंड प्राप्त करने का मौका प्राप्त हो सके। इसके लिए ले- आउट तैयार कर लिया गया है। यह भी तय किया गया कि योजना में 40, 60, 90, 120, 300 वर्गमीटर साइज के भूखंडों के लिए आवेदन करने वाले आवंटियों को भूखंडोंं का आवंटन लाटरी के माध्यम से किया जाएगा। केवल बडे भूखंड जो कि सामान्यत: सृजित किए जाने वाले भूखंडों से भिन्न होते हैै, उन्हें सीधे आवंटित किए जाएंगे।
बैठक के दौरान ये भी तय किया गया कि शमशान घाट से प्रभावित आवंटियों को दूसरे स्थान पर सृजित किए गए भूखंड उपलब्ध कराने की कार्रवाई भी की जाए। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने जोर दिया गया कि योजना के प्रत्येक पाकेट का बडा नक्शा/ सूचक स्थल पर सूचक के तौर पर लगाया जाए, ताकि योजना में पहुंचने वाले आवंटियों को यह स्पष्ट हो सकें कि उनका भूखंड जो उन्हें आवंटित किया जा रहा है वह किस दिशा में या स्थान पर है। इसके अतिरिक्त किसानों के अनुरोध पर प्राधिकरण द्वारा मधुबन बापू धाम के ले आउट में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि योजना के परिधि पर सड़क निर्माण किया जाएगा।
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने किसानों से अपील की कि प्राधिकरण द्वारा अपनी जिम्मेदारी के तहत प्राधिकरण बोर्ड से स्वीकृति प्राप्त करते हुए भूखंडों का सृजन कर विकसित भूखंड का आवंटन कराया जा रहा है, ऐसे में प्राधिकरण के विकास कार्यों में किसी तरह का गतिरोध उत्पन्न न किया जाए, बल्कि योजना के विकास में सहयोग किया जाए, इससे उनके भूखंडों के मूल्य मे भी वृद्धि होगी।यदि इसके बावजूूद भी योजना के विकास कार्य में किसी तरह का अवरोध उत्पन्न किया जाता है तो प्राधिकरण कड़े कदम उठाएगा।