- देश में पहली बार नये इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ बनाया गया है ‘यशोदा मेडिसिटी’
- गुड़गांव ही नहीं देश- विदेश से भी ‘यशोदा मेडिसिटी’ में आयेंगे मरीज, संतुष्ट होकर जायेंगे
जर्मनी की ड्रेगर कंपनी ने विश्व में पहली बार बनाया है ऐसा विश्वस्तरीय अस्पताल
स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही समाज सेवा में डा. पीएन अरोड़ा गाजियाबाद ही नहीं पूरे दिल्ली एनसीआर में बड़ा नाम है। दिल्ली की सीमा पर स्थित कौशांबी में यशोदा सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल बनाने के बाद डा. पीएन अरोड़ा ने अब दिल्ली- नोएडा से सटे गाजियाबाद के इंदिरापुरम में ‘यशोदा मेडिसिटी’ के नाम से एक बड़ा अस्पताल बनाया है। सभी को इंतजार है कि यह अस्पताल कब शुरू होगा। माना जा रहा है कि पूरे दिल्ली एनसीआर में इस अस्पताल जैसा कोई दूसरा अस्पताल नहीं होगा। यहां पर हर मर्ज का उपचार लोगों को मिलेगा। इसी मुद्दे पर दैनिक अथाह के संपादक अशोक ओझा ने ‘यशोदा मेडिसिटी’ के चेयरमैन डा. पीएन अरोड़ा से बात की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश:

सवाल: आप सबसे पहले यशोदा मेडिसिटी के संबंध में विस्तार से बताइये?
डा. पीएन अरोड़ा: यशोदा मेडिसिटी देश के लिए एक मॉडल अस्पताल के रूप में बनाया गया है, इसने नये बैंच मार्क्स हैल्थ केयर सेक्टर को दिये गये हैं। कोविड से पहले और कोविड के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत परिवर्तन आया है जो हमारे देश भारत में नये इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ बना है।
सवाल: इस अस्पताल को आपने स्वयं बनाया है अथवा किसी विश्वस्तरीय कंपनी की सेवा ली गई है?
डा. पीएन अरोड़ा: जर्मनी की ड्रेगर कंपनी ने विश्व में पहली बार ऐसा अस्पताल साउथ एशिया में नयी तकनीक के साथ बनाया है। स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में ड्रेगर कंपनी एक बड़ा नाम है। पूरा अस्पताल उनकी देखरेख में ही बना है।

सवाल: अस्पताल की सुविधाओं के संबंध में पाठकों का मार्ग दर्शन कैसे करेंगे?
डा. पीएन अरोड़ा: इस अस्पताल में 252 बैड का मॉड्यूलर आईसीयू है, इसके साथ ही 21 आॅपरेशन थियेटर बनाये गये हैं, आपातकालीन सेवाएं जो अपने आप में क्रिटिकल केयर का एक बड़ा हॉस्पिटल है। ये सभी सुविधाएं ड्रेगर कंपनी ने उपलब्ध करवाई है। कंपनी ने पूरे विश्व में ऐसा पहला बड़ा अस्पताल बनाया है जिसमें सभी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है। अस्पताल में कुल 1250 बैड होंगे।
सवाल: इसे यशोदा मेडिसिटी नाम ही क्यों दिया गया है?
डा. पीएन अरोड़ा: यह सवाल बहुत कम लोग पूछते हैं। यह इंटेलिजेंट सवाल है। हम अथवा विश्व में जिस हॉस्पिटल के अंदर हॉस्पिटल होते हैं जैसे कि आम हार्ट हॉस्पिटल होते हैं, कोई भी मरीज ह्रदय रोग विभाग में जाता है तो अपने आप में पूरा हार्ट हॉस्पिटल होगा, बच्चों के वार्ड में जाते हैं तो वह पूरा चाइल्ड हॉस्पिटल होगा, इसी प्रकार कैंसर, लीवर अथवा कोई अन्य विभाग होगा। इसका लाभ यह होगा कि जो उपकरण लगाये गये वह उस रोग विशेष के लिए लगाये गये हैं। जबकि सामान्य अस्पताल में एक ही डायग्नोस्टिक सिस्टम होता है जहां पर हर प्रकार के मरीज जाते हैं। मेडिसिटी में विश्व के मानक के अनुसार उपकरण लगाये गये हैं। इसके साथ ही सभी को इस प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है कि हर स्टॉफ खुद में पूर्ण होगा और उत्कर्ष काम करेगा।
सवाल: इस समय दिल्ली एनसीआर के मरीज बड़ी संख्या में दिल्ली अथवा गुड़गांव का रूख करते हैं, इसको लेकर आप क्या कहेंगे?
डा. पीएन अरोड़ा: इस समय जितनी सुविधाएं यशोदा मेडिसिटी में उपलब्ध है वैसी सुविधाएं कहीं नहीं है। यहां पर दिल्ली, गाजियाबाद, गुड़गांव से ही नहीं पूरे देश एवं विदेशों से भी मरीज आयेंगे। यहां पर एयर एंबुलैंस की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके लिए हॉस्पिटल के ऊपर हैलीपेड बनाया गया है।
सवाल: सभी को इंतजार है कि यशोदा मेडिसिटी का उद्धाटन कब होगा?
डा. पीएन अरोड़ा: इसी जून माह में ही एक छोटा उद्घाटन अथवा शॉफ्ट लांचिंग होगी जिसके बाद मरीजों का उपचार यहां पर शुरू हो जायेगा और मरीजों को भर्ती किया जायेगा। इसके लिए पूरा स्टॉफ यहां पर तैनात है। रही औपचारिक उद्घाटन की बात तो वह अगस्त माह में होगा।