अथाह ब्यूरो, हरिद्वार। वैश्य बंधु समाज मध्य हरिद्वार की महिला वाहिनी की ओर से Karva Chauth के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शंकर आश्रम के समीप स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को Karva Chauth व्रत के महत्व से अवगत कराते हुए वाहिनी की संरक्षक नरेश रानी गर्ग ने कहा कि Karva Chauth महज़ एक व्रत नहीं हैं।
यह पति-पत्नी के रिश्ते से जुड़ा मर्यादा और स्नेह के अनोखे संतुलन का एक खूबसूरत त्यौहार हैं। पर्व व त्यौहार भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। Karva Chauth हिंदू संस्कृति के अंतर्गत रिश्तों के महत्व को भी दर्शाता हैं। उन्होंने कहा कि दांपत्य जीवन समाज का आधार हैं।
दंपत्ति के बीच परस्पर स्नेह, विश्वास के आधार पर ही आदर्श परिवार व समाज का निर्माण होता हैं। दांपत्य जीवन की खुशहाली व पति की दीर्घायू की कामना को लेकर किया जाना वाला Karva Chauth व्रत पूरे देश में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
नरेश रानी गर्ग ने कहा कि व्रत रखते समय महिलाएं अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। व्रत शुरू करने से पूर्व सरगी के रूप में पौष्टिक आहार अवश्य लें। जिससे पूरे दिन निर्जल व्रत रखने के साथ परिवार के प्रति अन्य जिम्मेदारियों को भी निभाया जा सके। नवविवाहित महिलाएं परिवार के बड़ों का आशीर्वाद लेकर व्रत की शुरूआत करें और बायना प्रदान करे व्रत का पारायण करें।
अध्यक्ष इंदु गुप्ता व सचिव निधि बंसल ने कहा कि कोरोना काल के चलते पर्वो व त्यौहारों को मनाते समय विशेष सावधानी रखें। पति की लंबी आयु के साथ देश दुनिया को कोरोना से मुक्ति दिलाने के लिए भी प्रार्थना अवश्य करें।
उन्होंने कहा कि महिलाएं आत्मनिर्भर होने की दिशा में भी कदम बढ़ायें। महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी तो परिवार मजबूत होगा। इस दौरान मेहंदी, फेंसी ड्रेस, गीत संगीत आदि को आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर अरूण बंसल, अंजलि गोयल, पूर्व पार्षद वन्दना गुप्ता, गरिमा अग्रवाल, शैली अग्रवाल, गौरी गर्ग, विनीषा गर्ग, मीरा जैन, नेहा, श्रेया, सुधा, रेनु गुप्ता, काव्या, नीलू, वर्षा गुप्ता, रूचि गुप्ता, हिमी गुप्ता आदि ने भी Karva Chauth पर्व की महत्ता पर विचार रखते हुए महिलाओं को Karva Chauth की बधाई दी।
वैश्य बंधु समाज मध्य हरिद्वार के अध्यक्ष डा. विशाल गर्ग ने कहा कि Karva Chauth की बधाई देते हुए कहा कि यह पर्व महिलाओं के सशक्तिकरण का भी संदेश देता है। करवा चौथ के अवसर पर सभी महिलाओं व बालिकाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश लगाने का संकल्प लेना चाहिए। यही इस पर्व की सार्थकता होगी।