6 जुलाई से 4 महीने के लिए आरंभ हो जाएंगे चातुर्मास
दिनांक 13 जून 2025 रात्रि 1:10 बजे बृहस्पति ग्रह अस्त हो गए हैं। 6 जुलाई 2025 का गुरु उदय होंगे। 24 दिन अस्त होने के कारण विवाह संबंधी कार्य गृह प्रवेश में पूजन आदि शुभ कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा। 4 जुलाई को अनबूझ विवाह मुहूर्त भड़रिया नवमी है । यह मुहुर्त बिना किसी शुभ मुहूर्त के भी विवाह आदि कार्य करने का अच्छा मुहूर्त होता है। बृहस्पति अस्त होने से इस मुहूर्त में भी कम विवाह होंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुरुषों के विवाह के लिए शुक्रास्त होना और युवतियों के लिए गुरु अस्त होने से वैवाहिक जीवन में परेशानी आने की संभावना होती है ।इसलिए शास्त्रों में शुक्र व गुरु अस्त होने को तारा डूबना कहा गया है। इनमें वैवाहिक कार्य नहीं करने चाहिए। इस अवधि को शुभ कार्य के लिए त्याज्य माना गया है। 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी है और उसके पश्चात 4 महीने के लिए चातुर्मास आरंभ हो जाएगा। शास्त्रों में यह 4 महीने चातुर्मास के माने गए हैं। इसमें वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश संबंधी शुभ कार्य करना वर्जित किए गए हैं।
अर्थात आज के बाद 4 महीने बाद 2 नवंबर को देव उठानी एकादशी से दुबारा विवाह मुहूर्त आरंभ होंगे। चातुर्मास में यद्यपि वैवाहिक कार्य बंद रहेंगे ।लेकिन भगवान शिव, नारायण की पूजा ,अर्चना, हवन, मंत्र जाप आदि में कोई रुकावट नहीं है यह निरंतर करते रहें।
प्राचीन काल में चातुर्मास की अवधि में वर्षा होने कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना जाना दुर्लभ था। नदी नाले पार करने की विशेष व्यवस्था नहीं थी। नदियों पर पुल का प्रबंध नहीं था। इसलिए हमारे ऋषि मुनियों ने इस अवधि को घर पर रहकर ही पूजा पाठ मंत्र जाप आदि का करने का आदेश दिया है।

शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद