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आईएएस अभिनव गोपाल ने 8 घंटे 30 मिनट में पाल्क स्ट्रेट पार कर, फिर किया अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जनपद का नाम रोशन

  • थलाईमन्नार (श्रीलंका) से धनुषकोडी (भारत) तक 28 किमी की दूरी 8 सदस्य टीम ने 8 घंटे 30 मिनट में पाल्क स्ट्रेट पार कर की पूरी
  • दो एकल तैराकों ने रचा इतिहास: गणेश बालगा ने 10 घंटे 50 मिनट व शश्रुति विनायक नाकड़े ने 11 घंटे 5 मिनट में पाल्क स्ट्रेट किया पार

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
18 अप्रैल 2025 को भारतीय तैराकों ने एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक उपलब्धि हासिल करते हुए, थलाईमन्नार (श्रीलंका) से धनुषकोडी (भारत) तक चुनौतीपूर्ण खुले समुद्र में 28 से 30 किलोमीटर लंबी पाल्क स्ट्रेट तैराकी को सफलतापूर्वक पूरा किया। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल ने बताया कि इस दौरान उन्हें तेज हवा और समुद्री धाराओं का सामना करना पड़ा, लेकिन टीम ने असाधारण साहस और एकजुटता के साथ यह उपलब्धि प्राप्त की।
पूर्व की उपलब्धि:
इस उपलब्धि के अतिरिक्त, हमें 2022 में गोवा में आयोजित आयरनमैन 70.3 (हाफ आयरनमैन) ट्रायथलॉन और 2024 में टाल्लिन, एस्तोनिया में आयोजित फुल आयरनमैन ट्रायथलॉन को सफलतापूर्वक पूरा करने का भी सौभाग्य मिला। हम दोनों देश के उन पहले आईएएस अधिकारियों में से हैं जिन्होंने इन दोनों प्रतिष्ठित एंड्योरेंस इवेंट्स को पूरा किया है।

रामसेतु के समानांतर की गई इस ऐतिहासिक तैराकी के माध्यम से अनेक संदेश प्रसारित किए गए:
फिट इंडिया मूवमेंट को समर्थन, साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहन, भगवान श्रीराम के प्रति धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का सम्मान, ओपन सी स्विमिंग को बढ़ावा और भारत की विविधता में एकता का उत्सव। यह तैराकी न केवल प्रतिभागियों की शारीरिक क्षमता की परीक्षा थी, बल्कि सहयोग, समर्पण और साझा राष्ट्रीय भावना की शक्ति का भी प्रतीक बनी।
यात्रा की शुरूआत और तैराकी का आरंभ:
तैराकों ने 17 अप्रैल की रात 7:50 बजे रामेश्वरम फिशिंग जेटी से प्रस्थान किया, सभी इमीग्रेशन और कस्टम प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद। तैराकी 18 अप्रैल को सुबह 5:50 बजे थलाईमन्नार से 1-2 किमी दूर समुद्र के भीतर एक निर्धारित बिंदु से प्रारंभ हुई, क्योंकि श्रीलंका की सीमा में सीधा प्रवेश निषिद्ध है।
दो एकल तैराकों ने रचा इतिहास:
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के पहले पैरा-स्विमर गणेश बालगा (आंध्र प्रदेश) ने 10 घंटे 50 मिनट में यह दूरी तय की।
भारत की पहली दिव्यांग (अंप्यूटी) तैराक शश्रुति विनायक नाकड़े (नागपुर, महाराष्ट्र) ने 11 घंटे 5 मिनट में पाल्क स्ट्रेट पार करने का इतिहास रचा।

रिले टीम की उपलब्धि:
8 सदस्यीय रिले टीम ने 8 घंटे 30 मिनट में पाल्क स्ट्रेट पार की। टीम का नेतृत्व अर्जुन पुरस्कार विजेता प्रसंत कर्मकार ने किया। यह टीम विविध पृष्ठभूमियों से आए खिलाड़ियों और पेशेवरों की एकता का प्रतीक बनी। टीम में प्रसंत कर्मकार, टीम लीडर (हरियाणा), दीपक बाबूलाल करवा, एडीसी, कैथल (हरियाणा), अभिनव गोपाल, मुख्य विकास अधिकारी, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश), मुरीगेप्पा चन्ननावर, पुलिस निरीक्षक (कर्नाटक), रबिन बोल्डे, रेलवे प्रमुख टिकट चैकर, सियालदह (पश्चिम बंगाल), अमन शानभाग, तृतीय वर्ष मेडिकल छात्र (कर्नाटक), राजबीर, पैरा तैराक (हरियाणा) व इशांत सिंह, राष्ट्रीय एथलीट (हरियाणा) रहे।
स्वागत और मान्यता:
तैराकी पूर्ण होने पर, टीम का स्वागत भारतीय कस्टम, इमीग्रेशन अधिकारियों, मीडिया और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने धनुषकोडी में किया। पूरे अभियान पर स्विमिंग फेडरेशन आॅफ इंडिया (एसएफआई) द्वारा विजयकुमार मयांडी की निगरानी में औपचारिक रूप से नजर रखी गई, ताकि सभी मानकों का पालन हो।
प्रेरणा का संदेश:
यह प्रयास न केवल भारत की ओपन वॉटर स्विमिंग क्षमताओं को दशार्ता है, बल्कि यह समावेशिता, सशक्तिकरण, और भेदभावरहित समाज की दिशा में एक मजबूत संदेश भी देता है। यह सामाजिक और शारीरिक सीमाओं को तोड़ने का प्रतीक है।
आगे की योजना:
इस सफलता के बाद, यही टीम अब जून 2025 में इंग्लिश चैनल को रिले फॉर्मेट में पार करने की तैयारी कर रही है।

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