- भाजपा के मंडल अध्यक्षों के नाम तय होने पर बार बार लग रहा ग्रहण
- मंगलवार को पश्चिमी उप्र के 19 में से 9 जिलों के मंडल अध्यक्षों पर ही हो सका मंथन
- 2 जनवरी या इसके बाद होगी अब पश्चिम को लेकर बैठक
- गाजियाबाद- हापुड़ जिलों को लेकर नहीं हो सका मंथन
अशोक ओझा
गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को लंबे समय से इंतजार है कि मंडल अध्यक्ष कब घोषित होंगे। अब ये मंडल अध्यक्ष जनवरी के पहले अथवा दूसरे सप्ताह में घोषित हो सकते हैं। इसका कारण यह है कि सभी जिलों के पैनल पर लखनऊ में मंथन नहीं हो सका है। अब दो जनवरी अथवा इसके बाद ही शेष बचे जिलों के मंडल अध्यक्षों के नाम तय करने के लिए बैठक होगी।
बता दें कि भाजपा के मंडल अध्यक्षों के नाम तय करने के लिए 20 दिसंबर से पहले बैठक होनी थी। बाद में इसे 20 तारीख के लिए मुल्तवी किया गया। 20 को फिर बैठक नहीं हुई तो 22 दिसंबर इसके बाद 24 दिसंबर की तारीख तय की गई। मंगलवार को लखनऊ स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में बैठक तो हुई, सूत्र बताते हैं कि इस बैठक में 19 में से मात्र नौ जिलों के ही मंडल अध्यक्ष तय हो सके। अब दस जिलों के लिए कब बैठक होगी इसकी तारीख तय नहीं है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि यह बैठक अब दो जनवरी अथवा इसके बाद ही होगी।
इसका कारण यह बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री, प्रदेश के चुनाव अधिकारी, जिलों के चुनाव अधिकारियों समेत अन्य नेता 29 व 30 दिसंबर को दिल्ली में रहेंगे। दिल्ली में संगठन चुनाव को लेकर बड़ी बैठक होनी है। इसके साथ ही जिलाध्यक्षों व प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव का रोड मैप तैयार होगा।
भाजपा सूत्रों के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और हापुड़ जिलों के नामों पर मंगलवार की बैठक में चर्चा ही नहीं हो सकी। बताते हैं कि नोएडा, गौतमबुद्धनगर, बिजनौर, मुरादाबाद आदि जिलों के मंडल अध्यक्षों पर मुहर लग चुकी है। इस स्थिति में उम्मीद जताई जा रही है कि नये साल के पहले अथवा दूसरे सप्ताह में ही मंडल अध्यक्षों की सूची घोषित हो सकेगी।