- ग्रीन महाकुम्भ को बढ़ावा देने के लिए नई पहल, श्रद्धालुओं को मिलेगी आॅनलाइन ई रिक्शा या ई आॅटो बुकिंग की सुविधा
- मनमाना किराया वसूलने वाले रिक्शा चालकों से मिलेगी राहत, प्रति किमी के हिसाब से निश्चित होगा किराया
- हर रिक्शा चालक का होगा वेरीफिकेशन, विदेशी श्रद्धालुओं से संवाद के लिए गूगल वॉइस असिस्टेंट का लिया जाएगा सहारा
- रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, हवाई अड्डा एवं सभी होटलों से आराम से उपलब्ध हो सकेंगे यह ई व्हीकल्स
- महिला ड्राइवर के साथ पिंक सेवा का भी होगा प्रावधान, 15 दिसंबर से श्रद्धालु और पर्यटक उठा सकेंगे लाभ
अथाह संवाददाता
प्रयागराज। महाकुम्भ मेला 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं की सुगम, सुरक्षित एवम् सुविधाजनक यात्रा के लिए योगी सरकार कटिबद्ध है। सरकार के इस प्रयास को सार्थक बनाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें सरकारी परिवहन के साथ-साथ निजी परिवहन सेवा प्रदाता भी पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। इसी क्रम में महाकुम्भ हेतु प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर लोकल ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने के लिए ओला और उबर की तर्ज पर एप के माध्यम से आॅनलाइन ई रिक्शा और ई आॅटो बुकिंग की सुविधा का भी लाभ मिलने जा रहा है। इन ई व्हीकल्स के ड्राइवर्स पूरी तरह ट्रेन्ड और वेल बिहेव्ड होंगे। साथ ही इसमें पिंक टैक्सी की भी सुविधा प्राप्त होगी, जिसमें महिलाएं चालक होंगी। सबसे खास बात कि श्रद्धालुओं को मनमाना किराया वसूलने वाले रिक्शा चालकों से छुटकारा मिलेगा। 15 दिसंबर से श्रद्धालु और पर्यटक इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। महाकुम्भ से पहले इस तरह की पहल से श्रद्धालुओं को न सिर्फ सुविधाजनक और सस्ती लोकल राइड का लाभ मिलेगा, बल्कि योगी सरकार के ग्रीन महाकुम्भ की अवधारणा को भी समर्थन मिलेगा।
चालकों को दी जा रही अच्छे बिहेवियर की ट्रेनिंग
महाकुम्भ के दौरान प्रयागराज में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। सरकार की ओर से इन श्रद्धालुओं को प्रयागराज लाने के लिए 7000 से अधिक रोडवेज बसों और 550 शटल बसों के संचालन का निर्णय लिया गया है, जबकि रेलवे भी करीब 1000 अतिरिक्त ट्रेनों के साथ ही कुल 3 हजार ट्रेनें चलाने जा रहा है। इसी क्रम में प्रयागराज में श्रद्धालुओं को लोकल ट्रांसपोर्ट की कमी न हो, इसके लिए यूपी के स्टार्टअप कॉम्फी ई मोबिलिटी ने आॅनलाइन ई रिक्शा और ई आॅटो बुकिंग की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। 15 दिसंबर से शुरू हो रही इस सेवा में श्रद्धालु लोकल राइड के लिए ई व्हीकल्स को चुन सकेंगे। खास बात ये है कि सभी ड्राइवरों को अगंतुको से अच्छा व्यवहार करने की ट्रेनिंग दी जाएगी और जिन श्रद्धालुओ को हिंदी या अंग्रेजी भाषा में दिक्कत है, उनकी सुविधा के लिए सभी ड्राइवरों को गूगल वॉइस असिस्टेंस की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। यह ई व्हीकल्स रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, हवाई अड्डा एवं सभी होटलों से आराम से उपलब्ध हो सकेंगे। इसमें महिला ड्राइवर के साथ पिंक सेवा का भी प्रावधान है। शुरूआत में 30-40 पिंक टैक्सी सुविधा प्रदान करने के लिए अवेलबल होंगी।
पर्यावरण अनुकूल होगी सुविधा
कॉम्फी ई मोबिलिटी की फाउंडर और डायरेक्टर मनु गुप्ता ने बताया कि महाकुम्भ मेले में देश और विदेश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को एक सुविधाजनक, सुरक्षित एवं पर्यावरण हितैषी एप आधारित ई रिक्शा टैक्सी सेवा प्रदान की जाएगी। महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं को सुविधा देने के साथ ही सस्ती राइड उपलब्ध कराने के लिए किसी भी ड्राइवर से कमीशन नहीं लिया जाएगा। सुरक्षित राइड के लिए प्रत्येक ड्राइवर और व्हीकल के ओनर का वेरिफिकेशन कराया गया है। 300 ई रिक्शा के साथ पूरे प्रयागराज एवं कुंभ मेला में इसकी शुरूआत की जा रही है। सभी ड्राइवर्स को आगंतुकों के साथ अच्छे व्यवहार की ट्रेनिंग दी जा रही है। सभी ई रिक्शा और आॅटो जीपीआरएस सिस्टम से ट्रैक किए जाएंगे, जबकि यह पूरी तरह फिट और कवर्ड भी होंगे। इसका किराया पूरी तरह ट्रांसपेरेंट होगा, जो प्रति किमी. के हिसाब से निर्धारित किया गया है। इससे ज्यादा किराया वसूलने वाले रिक्शा चालकों से भी मुक्ति मिलेगी। किसी भी तरह की असुविधा होने पर श्रद्धालु कॉल सेंटर पर शिकायत भी कर सकेंगे।
श्रद्धालुओं के लिए यादगार बनेगा महाकुम्भ
सीईओ आरके चौहान ने बताया कि कॉम्फी ई मोबिलिटी स्टार्टअप इंडिया से मान्यता प्राप्त है। हमारा उद्देश्य अर्बन ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों को टैक्सी के रूप में प्रस्तुत कर वायु प्रदूषण को कम करना और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। प्रयागराज में होने जा रहे महाकुम्भ से इसकी शुरूआत की जा रही है, ताकि इस महापर्व को लोगों के लिए एक यादगार अनुभव बनाया जा सके। महाकुम्भ 2025 में पूरे विश्व से सनातनियों के अलावा विभिन्न समुदाय के लोग हिंदू धर्म के सबसे बड़े अनुष्ठान को देखने और समझने के लिए प्रयागराज आएंगे। वह यहां महाकुम्भ के मंथन से निकलने वाले पर्यावरण संरक्षण के संदेश, यहां की संस्कृति एवं अनुभव अपने साथ लेकर जाएंगे। इस आयोजन के बाद इस पहल को हम प्रदेश के अन्य शहरों में लेकर जाएंगे।