अथाह संवाददाता हाथरस। हाथरस (Hathras) गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। यूपी सरकार के हलफनामे में बड़ा दावा करते हुए कहा कि परिवार की मंजूरी के बाद आधी रात में पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया था।
हाथरस (Hathras) गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। साथ ही हलफनामे में यूपी सरकार ने विपक्ष पर आरोप लगते हुए जातीय दंगा और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। यूपी सरकार ने इसमें दावा किया कि परिवार की मंजूरी के बाद और हिंसा से बचने के लिए आधी रात में पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया था।
अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने अयोध्या-बाबरी केस और कोरोना की वजह से जिलों को हाई अलर्ट पर रखने और भीड़ न इकट्ठा होने देने का भी जिक्र किया है। इस हलफनामे में सरकार की दलील है की 14 सितंबर को पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस ने मामला दर्ज करके तत्काल कदम उठाया।
सरकार ने कहा कि इस मुद्दे का उपयोग करते हुए जाति और सांप्रदायिक दंगों को भड़काने के लिए राजनीतिक दलों के कुछ वर्ग, सोशल मीडिया, कुछ वर्गों के प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया ने जानबूझकर और सुनियोजित प्रयास किए।
इस मामले पर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हाथरस में लड़की के साथ कथित बलात्कार और हमले की सीबीआई जांच के निर्देश देने चाहिए। यूपी सरकार ने कहा कि हालांकि वो मामले की निष्पक्ष जांच कर सकती है लेकिन “निहित स्वार्थ” निष्पक्ष जांच को पटरी से उतारने के मकसद से प्रयास कर रहे हैं।
सुबह हिंसा होने का था इनपुट: UP सरकार
अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने आधी रात बाद पीड़िता की अंत्येष्टि करने की वजह भी बताई है। उसके अनुसार खुफिया एजेंसियों के पास इनपुट थे कि इस मुद्दे को लेकर सुबह बड़े स्तर पर हिंसा कराने की तैयारी की जा रही है। अगर सुबह तक इंतजार करते तो स्थिति अनियंत्रित हो सकती थी, इसलिए परिवार की मंजूरी से रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया।