Dainik Athah

विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने दिल्ली के उपराज्यपाल को लिखा पत्र

दिल्ली में मुगलों और अंग्रेजों के शासन में कब्जा की गई जमीनों को वक्फ से मुक्त करने के लिए

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद
। दिल्ली के उपराज्यपाल को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पत्र लिखकर मुगलों और अंग्रेजों के शासन में हिंदुओं की जमीन पर किए गए कब्जे को वक्फ बोर्ड से मुक्त करने की मांग की है। भाजपा के लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने दिल्ली उपराज्यपाल को पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुए कहा कि एक महत्वपूर्ण मुद्दा लाना चाहता हूँ जो दिल्ली में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम सब जानते हैं कि विदेशी आक्रांताओं, मुगलों और अंग्रेजों के शासनकाल में हिंदू राजाओं, किसानों एवं गरीब लोगों का कत्लेआम, दुराचार एवं उनपर अनगिनत अत्याचार कर उनकी कई बेशकीमती जमीनों और संपत्तियों पर कब्जा कर लिया गया। दिल्ली समेत पूरे भारतवर्ष की सभी जमीनें हिंदुओं की है क्योंकि विदेशी आक्रांता अपने सिर पर जमीन लादकर हिंदुस्तान नहीं लाए थे। दिल्ली की सभी जमीनें, दिल्ली पर राज करने वाले हिंदू राजाओं के वंशजों, किसानों और गरीब लोगों की है। यह न केवल एक ऐतिहासिक अन्याय है बल्कि वर्तमान में भी इसके दूरगामी प्रभाव हैं। आज भी कई ऐसे मामले हैं जहाँ वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जा की गई संपत्तियाँ, वास्तव में उन हिंदू परिवारों की हैं जिनके पूर्वजों ने पहले मुगलों और फिर अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी और पीढ़ी दर पीढ़ी इसे सहेज कर रखा था।

लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने तीन बिंदुओं पर सुझाव देते हुए कार्रवाई करने की मांग की। जिसमें उन्होंने कहा कि जांच समिति का गठन: उन सभी जमीनों की पहचान के लिए एक जांच समिति गठित करने हेतु राजस्व विभाग को निर्देशित किया जाए, जो मुगलों के शासनकाल में हिंदुओं से छीन ली गई थीं। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की पुनर्परिभाषा: वक्फ बोर्ड के अधीन दिल्ली की उन सभी संपत्तियों के पुराने सभी दस्तावेज हासिल कर पुनर्परिभाषित की जाए, जो वास्तव में हिंदू राज परिवारों, किसानों और आमजनमानस का कत्लेआम कर कब्जा की गई हैं और असली हकदारों को वापस लौटाई जाएं। कालांतर में दिल्ली पर हिंदू धर्म के विभिन्न जातियों से आने वाले राजाओं ने राज किया जिनके वंशज आज भी दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिण-पश्चिम, मध्य दिल्ली आदि में रहते है और यहां के मूल निवासी भी है जिनके प्रभुत्व में लाल किला (लाल कोट), जामा मस्जिद, हजरत निजामुद्दीन दरगाह, तुगलकाबाद किला, लुटियन जोन, पुराना किला आदि की जमीने थी, इस संबंध में 2012 से वाद भी न्यायालय में प्रचलित है।

अवैध निर्माण हटाने की प्रक्रिया: ऐसे अवैध निमार्णों जिनपर मस्जिद व मजार बनाए गए है, को हटाने के लिए एक ठोस योजना बनाई जाए, जो इन जमीनों पर बने हुए हैं और जो असली हकदारों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं इसमें जामा मस्जिद, लाल किला और कुतुब मीनार (हिंदू मंदिर का अवशेष है और इसकी मूल संरचना. हिंदू वास्तुकला का हिस्सा है जिसे दिल्ली पर शासन करने वाले हिंदू राजाओ से छीनकर डेंटिंग और पेंटिंग कर उसे इस्लामिक रूप देने का प्रयास किया गया)।
पत्र का उद्देश्य ऐतिहासिक अन्याय को सुधारना और सामाजिक संतुलन स्थापित करना है। उन्होंने कहा आशा है कि आप इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर आवश्यक कदम उठाते हुए उक्त जमीनों को वक्फ से कब्जा मुक्त कराते हुए उनके असली हकदारों को वापिस लौटाने हेतु संबंधित को निर्देशित करेंगे क्योंकि उक्त भूमि के असली हकदार अपनी सभी जमीनों को पुन: प्राप्त करने के लिए बड़ी योजना बना रहे है जिसके दूरगामी परिणामों से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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