संसद में कृषि बिलों पर हंगामा: कृषि बिलों के विरोध में हंगामा करने पर विपक्ष के 8 सांसदों को पूरे सत्र के लिए किया निलंबित ; सांसदों पर कार्रवाई उनके गलत व्यवहार की वजह से की गई: नायडू
अथाह ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद मानसून सत्र का 9 वां दिन है। संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के 8 सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठा। इसके अलावा, कृषि बिलों के विरोध में कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने राज्यसभा के बाद लोकसभा की कार्यवाही का भी बायकॉट किया।
राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं लिया जाता और कृषि बिल से जुड़ी चिताएं दूर नहीं होतीं, तब तक संसद सत्र का बायकॉट जारी रखेंगे। इस दौरान, कृषि से जुड़ा तीसरा एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल राज्यसभा में पास हो गया।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में कहा, ‘कांग्रेस के दांत खाने के और हैं, दिखाने के और। वे सदन में एक बात कहते हैं और सदन के बाहर दूसरी बात कहते हैं। जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, वे किसान नहीं हैं। ये लोग कांग्रेस से जुड़े हैं। देश यह बात जानता है। यह बदलाव किसानों की मदद करेगा, उनकी आय बढ़ेगी।
उधर, एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा, ‘वह सांसदों के निलंबन के खिलाफ चल रहे आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। इनके समर्थन में एक दिन का उपवास करेंगे।’ इस बीच, 8 निलंबित सांसदों ने आज सुबह 11 बजे अपना धरना खत्म कर दिया। वे संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने सोमवार दोपहर से धरने पर बैठे थे।
विपक्ष की 4 मांगें-
- सरकार ऐसा बिल लाए जिससे कोई प्राइवेट खरीदार MSP से नीचे किसानों की उपज नहीं खरीद सके।
- स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों के आधार पर MSP तय की जाए।
- एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियां किसानों की उपज MSP से नीचे नहीं खरीदें।
- 8 सांसदों का निलंबन वापस लिया जाए।
इन तीन विधेयकों का हो रहा विरोध, तीनों लोकसभा और राज्यसभा में पास–
- फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) बिल।
- फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज बिल।
- एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल।