Dainik Athah

COVID-19: रिपोर्ट के घालमपेल में फंस कर परेशान हो रहे मरीज

COVID-19: एंटीजन पॉजिटिवआरटीपीसीआर नेगेटिव, सीएमओ कहते हैं पहले जो आई पॉजिटिव रिपोर्ट सही मानेंगे

अथाह संवाददाता, गाजियाबाद। एक व्यक्ति की एंटीजन COVID जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। इसके आधे घंटे बाद करवाई गई आरटीपीसीआर COVID जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खासकर विभाग के जिले के मुखिया कहते हैं कि पॉजिटिव रिपोर्ट ही सही है। इसके साथ ही यदि कोई पॉजिटिव पाया जाता है उस घर को सैनिटाइज भी अब करवाना संबंधित विभागों के अधिकारी शायद भूल चुके हैं।

मोदीनगर के गोविंदपुरी निवासी दिनेश चौधरी ने बताया कि उन्होंने मोदीनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 16 सितंबर को COVID-19 की एंटीजन जांच करवाई थी। जांच रिपोर्ट में उन्हें पॉजिटिव बताया गया। इसके बाद वे भोजपुर स्थित स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां पर उनकी आरटीपीसीआर जांच की गई। यह जांच रिपोर्ट 22 सितंबर मंगलवार को नेगेटिव आई। अब उनके सामने समस्या है कि कौन सी जांच रिपोर्ट को सही मानें।

घटना नंबर एक: दिनेश चौधरी ने अपना वीडियो शेयर कर कहा है कि जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद वह घर में कमरे में कैद हो गये थे। इसके साथ ही उनके परिवार के लोग मानसिक रूप से परेशान हो गये।

यह व्यथा अकेले दिनेश चौधरी की नहीं है। जिले में आये दिन इसी प्रकार की घटनाएं जिले में आये दिन हो रही है। इस प्रकार की जांच रिपोर्ट आने से व्यक्ति मानसिक रूप से भी परेशान हो जाता है।

घटना नंबर दो: गाजियाबाद के शास्त्रीनगर निवासी एक महिला ने निजी लैब से जांच करवाई तो वह पाजिटिव पाई गई। इसके बाद किसी प्रकार सिफारिशों के बाद उसे संजय नगर स्थित सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। महिला ठीक होने के बाद वापस अपने घर भी पहुंच गई।

लेकिन स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सैनिटाइजेशन के लिए जिम्मेदार विभागों ने अब तक भी महिला के घर को सैनिटाइज नहीं किया है। ये घटनाएं बताने के लिए काफी है कि जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति क्या है।

इन्होनें कहा-

डा. कैलाश, प्रभारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोदीनगर- एक ही व्यक्ति की कोरोना जांच रिपोर्ट अलग अलग आ जाती है। ऐसे मामले पहले भी हुए हैं। लेकिन यदि कोई रिपोर्ट पाजिटिव आई है तो उसे ही माना जायेगा।

एनके गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी गाजियाबाद- यदि कोई व्यक्ति ने अलग अलग समय पर कोरोना जांच करवाई है तो जो रिपोर्ट पाजिटिव है उसे ही सही माना जायेगा। इसका कारण यह है कि कई बार रिपोर्ट सही तरीके से नहीं बन पाती। यह तो आधे घंटे का अंतर है। लेकिन दो दिन के अंतर पर भी जांच हुई है तो पाजिटिव रिपोर्ट को ही सही माना जाता है।

रही बात सैनिटाइजेशन की तो कोई भी व्यक्ति सर्फ अथवा लाइजोल से भी स्वयं घर को सैनिटाइज कर सकता है। हालांकि सैनिटाइजेशन नगर निगम का काम है। निगम के अधिकारी सैनिटाइजेशन का कार्य भी करवाते हैं।

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