Dainik Athah

ब्राह्मण पंचायत: एक सुर में बोले वक्ता

अथाह संवाददाता, गाजियाबाद। ब्राह्मण पंचायत में एक सुर में वक्ताओं ने जहां सत्ता के दलालों से सावधान रहने की अपील की, वहीं दूसरी तरफ ब्राह्मण युवा वर्ग में लुप्त हो रहे संस्कारों पर चिंता व्यक्त की गई।

रविवार को आरडीसी स्थित एक रेस्टोरेंट में ब्राह्मण पंचायत का आयोजन किया गया। इस मौके पर वेब पंचायत का संचालन डा. बीके शर्मा हनुमान ने किया। पंचायत में कहा गया कि धर्म की रक्षा के लिए प्रेरणा स्रोत भगवान परशुराम का स्मरण कर यहां का ब्राह्मण वर्ग अपने आपको गौरवान्वित अनुभव करता है, परंतु क्या अपने प्रेरणास्रोत भगवान परशुराम जैसा तेज और त्याग आज इनमें कहीं है।

क्या अपने बच्चों में ऐसे संस्कार पल्लवित करते हैं जो उस ऋषि कुल परंपरा में हो ? कहा गया कि हम यज्ञ और अनुष्ठान भूल गए हैं। यज्ञोपवीत की तेजस्विता हमसे लुप्त हो गई है। हो भी क्यों न हम यगोपवित धारण ही नहीं करते।

पंचायत में इसके साथ ही कहा गया कि कुछ ब्राह्मण नेता जाति के नाम को भुनाते हैं, परंतु जब जब अवसर आया ब्राह्मणों के हितों की रक्षा का तब तब उन्होंने ब्राह्मण विरोधी कार्य किए हैं। ऐसे अनेक लोग मिलेंगे जो अपने स्वार्थ के लिए ब्राह्मणों के नाम पर अपनी रोटी सेक रहे हैं। सत्ता के उन दलालों से सावधान रहने की आवश्यकता है जो ब्राह्मण का मुखौटा लगाकर ब्राह्मणों से ही ठगी कर रहे हैं।

इसके साथ ही कहा गया कि ब्राह्मण समय की नाजुकता  को समझें और एकत्रित एवं सुसंगठित हो जाएं। इसके लिए हमारा एक मंच हो, एक नेता हो।

बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि हमारा शास्त्र पुकार पुकार कर कह रहा है कि हमें हमारे समाज को कभी विचलित नहीं होना चाहिए। हमारा इतिहास त्याग और तपस्या का इतिहास है। हम तुच्छ संसासारिक कार्यों के लिए उत्पन्न नहीं हुए, अपितु अपने प्रकाश से दूसरे को प्रकाशित करते रहने के लिए हमने जन्म लिया है।

ब्राह्मण पंचायत में फेसबुक व्हाट्सएप पर ब्राह्मणों व अन्य सामाजिक व्यक्तियों द्वारा विचार, बिना सिर पैर की राजनीति का अखाड़ा न बनाना, ब्राह्मणों पर होने वाले कटाक्ष, ब्राह्मणों में एकता बढ़ना तथा आपसी सद्भाव एवं प्रेम की कमी, ब्राह्मणों की युवा पीढ़ी का दिशाहीन होना, समाज वह सरकार द्वारा ब्राह्मण की उपेक्षा व अनदेखी आदि मुख्य विषय रहे।

पंचायत में पंच के रूप में बालकिशन शर्मा, प्रमोद शर्मा, आरडी शर्मा, केके शर्मा, नानक चंद शर्मा, राकेश शर्मा, अशोक भारतीय थे।  अध्यक्षता आचार्य मनीष शर्मा ने की। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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